बस्ती। रोडवेज स्थित गायत्री मन्दिर में 12 वर्षों से संचालित कैन्टीन को अवैध तरीके से हटाने के बाद उपजा विवाद गहराता जा रहा है। पीड़ित की मदद को पहुंची जामडीह निवासी ममता शुक्ला ने गायत्री परिवार पर अनाधिकृत तरीके से कैन्टीन हटाने तथा रामप्रसाद तिवारी व उनके बेटे पर अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगाते हुये पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना देकर न्याय की गुहार लगाया है।
ममता शुक्ला ने एसपी को दिये शिकायती पत्र में कहा है कि एक साजिश के तहत मन्दिर परिसर में 12 वर्षों से कैन्टीन चलाकर परिवार का भरण पोषण करने वाले कृष्णा को कोरोना पाजिटिव बताकर कोरेनटीन करा दिया गया और उसकी गैर मौजूदगी का फायदा उठाकर दुकान का ताला तोड़कर सामान जब्त कर लिया गया। 4 नवम्बर को मन्दिर पहुंचकर दुकान के सामान की जानकारी लेनी चाही तो मन्दिर के लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। रामप्रसाद तिवारी के बेटे ने उन्हे धक्का दिया और उनके कपड़े फाड़ दिया। भद्दी गालियां देते हुये तेजाब फेंकने की धमकी देने लगा। ममता का कहना है कि इस घटना की सूचना देने वह कोतवाली पहुंची लेकिन कोतवाल से मुलाकात नही हुई।
फोन पर जिलाधिकारी को पूरी जानकारी दी, उन्होने न्याय का भरोसा दिलाया। लेकिन साजिशकर्ताओं ने इस बीच दबाव बनाकर फर्जी और मनगढ़न्त आरोप लगाते हुये प्रार्थना पत्र देकर कोतवाली में उल्टे ममता शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि ममता मन्दिर पर कब्जा करने की नीयत से गई थीं। एक अकेली महिला पर ऐसे मनगढ़न्त आरोपों की जांच किये बगैर कोतवाली पुलिस ने आनन फानन में मुकदमा दर्ज कर लिया। जबकि ममता शुक्ला का कहना है कि मन्दिर निर्माण में उनके परिवार और पिता का बहुत योगदान है। जमीन देने के उपरांत परिवार के किसी सदस्य का आज तक मन्दिर कोई लेना देना नही रहा। पुलिस अधीक्षक को पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुये ममता शुक्ला ने न्याय की गुहार लगाया है।