लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण और हत्या मामले की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करने का रविवार को फैसला किया। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने संजीत यादव के परिवार वालों के आग्रह पर मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने का फैसला किया है। संजीत की बहन रूचि ने सीबीआई जांच की सिफारिश के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है, ‘‘वह इस कदम से संतुष्ट हैं।’’ रुचि ने कहा, ‘‘उन्होंने सरकार से इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया था, ताकि उनके भाई के साथ जो कुछ भी हुआ है, उसके असली गुनहगार सामने आ सकें।’’
उल्लेखनीय है कि 22 जून को बर्रा निवासी संजीत का अपहरण हो गया था। परिवार के सदस्यों ने 23 जून को बर्रा थाने में उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। तीन दिन बाद अपहरण की धाराएं जोडी गयीं। इस मामले में ज्ञानेंद्र यादव उर्फ ईशू, कुलदीप गोस्वामी, नीलू सिंह, राम जी शुक्ला और प्रीति शर्मा को गिरफ्तार किया गया। मृतक के परिवार का दावा है कि 29 जून को उन्हें अपहर्ताओं का फोन आया, जिन्होंने संजीत की सुरक्षित रिहाई के लिए 30 लाख रूपये फिरौती मांगी थी।
पुलिस द्वारा आरोपियों से की गई पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि कुलदीप अपहृत संजीत के साथ किसी अन्य पैथोलॉजी लैब में काम करता था। कुलदीप ने संजीत को रतनलाल नगर स्थित अपने किराये के मकान पर शराब पार्टी के लिए बुलाया। वहां उसे नशीला इंजेक्शन दिया गया और पांच दिन तक बंधक रखा गया। कुलदीप ने अन्य लोगों की मदद से या तो 26 या फिर 27 जून को संजीत की हत्या कर दी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया था।