स्वास्थ्य जागरूकता एवं समाजसेवा के क्षेत्र मे कार्य कर रही सामाजिक संस्था ह्यूमन सेफ लाईफ फाउंडेशन द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल मीडीया द्वारा लगातार चलाया जा रहा विश्व स्तनपान सप्ताह के पांचवे दिन फाउंडेशन कि प्रदेश सलाहकार कार्यकारिणी समिति की सद्स्य स्वाती श्रीवास्तव ने देश की प्रत्येक माँ को अपने शिशु को स्तनपान कराने की सलाह देते हुए उसके फायदे औऱ स्तनपान के सही तरीके की जानकारी दी । उन्होने क़हा की आजकल लोगों के परिवार मे एकजुट होकर ना रहने के कारण भी महिलाओ को स्तनपान की सही जानकारी नही हो पाती । लोग परिवार मे एकजुट होकर रहते थे,तो घर की बड़ी महिलाए इन सब बातो की जानकारी अपने परिवार को दे पाती थी । इसलिए आजकल अधिक्तर माँ जानकारी के आभाव मे भी सही ढंग से स्तनपान नही करा पाती। औऱ शिशु को जन्म से ही अपना दूध ना पिलाकर गाय,भैंस आदि के दूध पर कर देती है । जबकि उन्हे ये जानना औऱ समझना चाहिए कि माँ का दूध ही शिशु के लिए अमृत का कार्य करता है । उन्होने क़हा कि एक नई माँ बनना एक अद्भुत बात है, लेकिन ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह अपेक्षाकृत आसान समय हो सकता है, क्योंकि बच्चा बहुत छोटा है। इसके साथ होने वाली भ्रम और तनाव बहुत मुश्किल हो सकता है। स्तनपान जैसा आसान कार्य, जो बिलकुल सरल लगता है, उसे सही तरह से करना पेचीदा हो सकता है।स्वाती श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ् उपयोगी सुझाव के माध्यम से आपका शिशु स्तनपान की इस दुनिया को सहजता से अपना सकता है ।
1. जितनी जल्दी हो सके अपने शिशु को स्तनपान कराएँ, संभव हो तो जन्म के तुरंत बाद ।
2. सही स्थिति में स्तनपान कराने के लिए मदद लें। यदि आपको दर्द हो रहा है तो शायद यह स्थिति निर्धारण की समस्या हो सकती है। शुरुआती कोमलता का अनुभव करना सामान्य है, परंतु यदि आप महसूस कर रही पीड़ा बदतर हो जाती है, तो यह सामान्य नहीं है।
3. अपने शिशु को आपके करीब रखें। जब आपका शिशु आपसे लिपटा हो, तब त्वचा का त्वचा से संपर्क आपके शिशु के लिए सुखदायक हो सकता है और भूख लगने पर उनके द्वारा किए जाने वाले संकेतों को आपको प्रतिक्रिया देने में सहायता होगी।
4. शुरुआती दिनो में बार-बार दूध पीना सामान्य है क्योकि भूख शिशुओं की एक सक्रिय वृत्ति है।
5. हर बार दोनों स्तनों से शिशु को दूध पिलाएं, भले ही आपका शिशु सिर्फ एक से ही पीता हो।
6. जब आप शिशु को स्तनपान करा रहीं हैं, तो बेहतर होगा कि उसे किसी भी प्रकार के बोतल से दूध पिलाने की आदत न डालें।
7. यदि आप लंबे समय तक पीड़ा-मुक्त स्तनपान के बाद पीड़ा महसूस कर रही हैं, तो यह आपके निप्पल पर फंगल संक्रमण का परिणाम हो सकता हैं। अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
8. बेहतर होगा कि स्तनपान के दौरान आप समय न देखें। क्युकी कई शिशु कुछ मिनट में जितना उन्हें चाहिए उतना पी लेते हैं जबकि अन्य कुछ ज्यादा वक्त लेते हैं। बस अपने शिशु की जरुरतों पर बारिकी से नजर रखे।
9. ज्यादातर शिशु स्तनपान के समय स्वाभाविक रूप से विश्राम लेते हैं जो कि समय में भिन्न होते हैं। लेकिन लंबे स्तनपान जो आपके शिशु को खुश रखने में विफल होते हैं और उन्हें बैचैन कर देते है, एक संकेत है कि शायद कुछ सही नहीं हैं।
10. अपने स्तन पैड को नियमित रूप से बदलें क्योंकि गंदे स्तन पैड बैक्टीरिया विकसित कर सकते हैं।
11. स्तनपान रोकने के लिए धीरे से शिशु द्वारा बनाई गई सक्शन सील को समाप्त कर अपने शिशु को निप्पल से हटा लें। यह करने के लिए अपनी उंगली को अपने शिशु के मुंह के कोने तक धीरे से सरकाये और कोमलता से उन्हें दूर खींच लें।
12. अपने निप्पल पर थोड़ा दूध निचोड़े और इससे मालिश करें| यदि संभव हो तो अपने नीपल को थोड़ी देर खुली हवा में सूखने दें। यह स्वास्थ्य और सफाई रखने में मदद करेगा।
उन्होने फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजीत श्रीवास्तव जी का तहेदिल से आभार व्यक्त किया औऱ क़हा कि वो फाउंडेशन के माध्यम से समय समय पर ऐसी जन-जागरूकता का मुहिम चला कर आज के दौर में आम जनमानस के हित के लिए दिन-रात अथक प्रयास कर देश के कई राज्यों में लोगों के बीच आशा कि एक नयी किरण जागते है । उन्होंने फाउंडेशन में निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए सभी माँ से अपील की, कि हमारी थोड़ी सी सजकता से हम अपने शिशु को एक स्वस्थ्य जीवन दे सकते है । औऱ हमे इसके लिए हर संभव जानकारी लेकर हर प्रयास करना चाहिए ।