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नई दिल्ली 1 अगस्त 2020 इन्दु/नवीन बंसल (राजनीतिक संपादक)
यूपी के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम अगस्त के पहले हफ़्ते से शुरू हो जाएगा। राम मंदिर के भूमि पूजन की तारीख 5 अगस्त को तय हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। इसी बीच राममंदिर भूमिपूजन के मुहूर्त को लेकर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया है।
दिग्विजय सिंह ट्वीट कर कहा, ''राम मंदिर बने हम भी यही चाहते हैं, लेकिन रही बात मुर्हूत की, तो इस देश में 90 फीसदी से ज्यादा हिंदू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। उन्होंने कहा कि मैं तटस्थ हूं इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुर्हूत नहीं है और ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है।''
एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, ''हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं! और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है। इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य मंदिर अयोध्या राम जन्म भूमि पर बने और रामलला वहां विराजें. स्व. राजीव गांधी जी भी यही चाहते थे। लेकिन इस वक्त मंदिर का भूमिपूजन मुहूर्त पर नहीं हो रहा है।''
*दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर लगाया था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का राजनीतिकरण करने का आरोप*
इससे पहले कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने शंकराचार्य को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास में जगह नहीं देने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी और बताया था कि किस-किस को राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मिलनी चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने कहा था,'' हर कोई चाहता है भव्य राम मंदिर का निर्माण हो। लेकिन केंद्र सरकार ने न्यास में शंकराचार्य को जगह नहीं दिया। उनकी जगह विश्व हिन्दू परिषद और बीजेपी नेताओं को सदस्य बनाया गया।