चंडीगढ़ 12 अगस्त 2020 इन्दु/नवीन बंसल (राजनीतिक संपादक) मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री की
घोषणाओं की व्यवहार्यता सम्बन्धी जानकारी तुरंत दें। ऐसी घोषणाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही निविदाएं आमंत्रित की जाएं और इसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाए।
दरअसल, मुख्यमंत्री आज यहां मुख्यमंत्री की घोषणाओं से सम्बन्धित लम्बित मामलों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि घोषणा के बाद जब योजनाओं का कार्य आरम्भ हो जाता है, तो प्रशासनिक सचिव फील्ड में जाकर कार्य प्रगति की समीक्षा करें और इस बारे स्थानीय जन प्रतिनिधियों को भी सूचित किया जाए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे से सम्बन्धित परियोजनाओं को इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास योजनाओं में शामिल किया है, इसलिए नये भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत इनके लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है। जिन परियोजनाओं के लिए 70 प्रतिशत भूमि उपलब्ध हो जाती है, वहां पर भूमि का अधिग्रहण किया जाए और शेष 30 प्रतिशत उसके आसपास अधिग्रहित की जाए ताकि इसे भविष्य में निजी भूमि से बदला जा सके।
इसका मुख्य लक्ष्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की परियोजनाओं को पूरा करवाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक उपयोग की परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी सी गुप्ता जो मुख्यमंत्री घोषणाओं की मोनिटरिंग एवं क्रियान्वयन अधिकारी भी हैं, ने अवगत करवाया कि 2014-20 के बीच कुल 8111 मुख्यमंत्री घोषणाएं हुई थीं, जिनमें से 4398 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं, 2388 पर कार्य प्रगति पर है, 315 घोषणाएं व्यवहार्य नहीं थीं, तथा 1032 घोषणाएं लम्बित हैं।
उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से सम्बन्धित 95 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हुई हैं, जबकि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की 93 प्रतिशत, स्वास्थ्य विभाग की 77.7 प्रतिशत पूरी हुई हैं। इसी प्रकार, स्कूल शिक्षा, परिवहन, बिजली, लोक निर्माण, विकास एवं पंचायत, शहरी स्थानीय निकाय से सम्बन्धित घोषणाओं का कार्य भी समयसीमा के भीतर पूरा कर लिया जाएगा