बस्ती। मनरेगा में फर्जीवाड़े की शिकायत को सांसद हरीश द्विवेदी ने संज्ञान में लिया है। करोना संक्रमण के दौरान पर प्रांतों से आए प्रवासी श्रमिकों के लिए केंद्र व प्रदेश की सरकार ने मनरेगा के जरिए उनकी बेरोजगारी और आर्थिक किल्लत दूर करने के लिए पर्याप्त बजट दिया था। लेकिन बस्ती जनपद में मनरेगा के बजट का बंदरबांट हो गया।
मीडिया प्रभारी नितेश शर्मा के माध्यम से जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सांसद हरीश द्विवेदी ने पत्रकारों को बताया कि जिले के तमाम ब्लॉकों के विभिन्न ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों में अनियमितता की शिकायतें मिल रही हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार ने जिस मंशा से ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायतों को मनरेगा का बजट दिया था वह मंशा जिले में भ्रष्टाचार की शिकार हो गई। मनरेगा बजट खंड विकास अधिकारियों, क्षेत्र पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों के चंद भ्रष्टाचारियों तक ही सीमित रह गया। प्रवासी मजदूरों एवं गांव के गरीब मजदूरों का इसका लाभ मिलना था। लेकिन भ्रष्टाचार के चलते उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाया। सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की सरकार भ्रष्टाचार लगाम लगाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। फिर भी कुछ अधिकारियों के द्वारा अभी भी यह कुटीर उद्योग के रूप में चल रहा है। मुझे मनरेगा में अनियमितता से संबंधित जो भी शिकायतें मिली हैं। उसको हमने संज्ञान में लिया है। यह फैसला किया है कि जनपद में हुए मनरेगा के घोटालों की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी के द्वारा कराएंगे। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।