पंचकूला 31 जुलाई 2020 इन्दु/नवीन बंसल (राजनीतिक सम्पादक) हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने देश में कर्मचारी भविष्य निधि खातों से कर्मचारियों द्वारा बड़ी मात्रा में निकाली जा रही राशि को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इस का परिणाम भविष्य में बड़ा ही घातक सिद्ध होगा। कर्मचारियों को भविष्य में अपने परिवार को पालने के लाले पड़ जाएंगे।
चन्द्र मोहन ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि से जिस प्रकार से 80 लाख कर्मचारियों ने पिछले तीन महीने के दौरान 10 अप्रैल से 10 जुलाई तक 30 हजार करोड़ रुपए की राशि अपने भविष्य निधि फण्ड से अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए निकलवाई है। उससे स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है कि देश में आर्थिक हालात ठीक नही हैं। जबकि वर्ष 2019-20 में कर्मचारियों ने अपने खातो से 72000 हजार करोड़ रुपए की राशि निकलवाई थी। उन्होने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन 10 लाख करोड़ रुपए का फंड मैनेज करता है और सारे देश में इसके लगभग 6 करोड़ खाता धारक हैं और कर्मचारी भविष्य निधि का खाता मुश्किल समय में परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए जमा किया जाता है। जिस प्रकार से लगभग 80 लाख कर्मचारियों ने पैसा भविष्य निधि खातों से निकाला है तो इससे सिद्ध होता है कि आगे आने वाले समय में हालात और भी खराब होगें।
चन्द्र मोहन ने कहा कि जिस प्रकार से आत्मनिर्भर भारत के नाम पर लोगों को कर्ज दार बनाया जा रहा है। उससे आने वाले समय में बैंकों के नान परफार्मिंग सम्पत्ती में बढ़ोतरी हो रही है, उससे बैंकों का ढांचा पूरी तरह से चरमरा जाएगा। मार्च 2020 में बैंकों का एनपीए जो 8.5 प्रतिशत था, वह बढ़कर 14.7 प्रतिशत तक पहुंच गया है। चन्द्र मोहन ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि प्रत्येक गरीब व्यक्ति के खाते में 6000 हजार रुपए प्रति महीने के हिसाब से राशि डाली जा