संतकबीरनगर, जिले के नवजातों को भी अब निमोनिया जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन लगाई जाएगी। इस वैक्सीन का प्रयोग जिले में पहली बार वीएचएनडी पर किया गया। पहले यह वैक्सीन पड़ोस के बस्ती और सिद्धार्थनगर जनपद में नियमित टीकाकरण में शामिल थी, लेकिन गुरूवार से यह संतकबीरनगर जनपद में भी नियमित टीकाकरण में शामिल कर ली गई है। सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने इसकी शुरुआत की।
इस अवसर पर सीएमओ ने बताया कि न्यूमोकोकल बैक्टीरिया के इंफेक्शन से बच्चे निमोनिया, मैनिंजाइटिस व अन्य बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। इससे बचाने के लिए बच्चों को न्यूमोकोकल केंजूगेट वैक्सीन (पीसीवी) लगायी जाएगी । इससे बच्चा इन सभी बीमारियों से आजीवन बचा रहेगा। न्यूमोकोकल कंजूगेट वैक्सीन ( पीवीसी ) को नियमित टीकाकरण में शामिल किया जा रहा है। इस दौरान एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा ने बताया कि इसकी तीन खुराकें बच्चों को दी जाएंगी। पहली बच्चे के जन्म के 6 सप्ताह में, दूसरी 14 सप्ताह तथा तीसरी बूस्टर डोज नौ माह का होने पर दी जाएगी। यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क मिलेगी। न्यूमोकोकल बैक्टीरिया के इंफेक्शन के चलते जिस बच्चे के दिमाग की झिल्ली में सूजन आ जाती है और वह मैनिंजाइटिस से पीड़ित हो जाते हैं।
डिप्टी डीआईओ डॉ ए के सिन्हा ने बताया कि सभी वीएचएनडी पर यह वैक्सीन भेज दी गई है तथा इसको बच्चों को लगाना भी शुरु कर दिया गया है। अभी तक यह वैक्सीन जिले में नियमित टीकाकरण में शामिल नहीं थी। इस अवसर पर डब्ल्यू एचओ, यूनीसेफ के साथ ही साथ अन्य अनुसांगिक स्वास्थ्य इकाईयों के पदाधिकारीगण भी मौजूद रहे।
हर माह 4625 बच्चों को लगाने का है लक्ष्य
डिप्टी डीआईओ डॉ ए के सिन्हा ने बताया कि निमोनिया की यह वैक्सीन बच्चों को लगाने के लिए 4625 वैक्सीन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वैक्सीन के तीन डोज लगाए जाएंगे। जिससे बच्चों को निमोनिया से बचाया जा सकेगा। यह जीवन पर्यन्त कार्य करेगी।
यह हैं निमोनिया के लक्षण
खांसी आना, कफ या बलगम आना, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, ठंड से कंपकपी, गहरी सांस लेते समय या खांसते समय सीने में दर्द, थकान और कमजोरी महसूस होना, जी मिचलाना और उल्टीड होना, दस्त लगना, पसीना आना, सिरदर्द होना, मांसपेशियों में दर्द होना।