चंडीगढ़ 11 अगस्त 2020 इन्दु/ नवीन बंसल -(राजनीतिक संपादक) हरियाणा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री के लिए ई-अपॉइंटमेंट लेने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। हालांकि, कृषि भूमि के विलोखों (डीड) का पंजीकरण 17 अगस्त, 2020 से शुरू होगा। इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों में भूमि के पंजीकरण के लिए ई-अपॉइंटमेंट लेने की प्रक्रिया 17 अगस्त, 2020 से शुरू होगी और जल्द ही नए सिरे से पंजीकरण का कार्य भी शुरू हो जाएगा।
यह निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई विभिन्न विभागों को राजस्व विभाग की ई-पंजीकरण प्रणाली के साथ जोडऩे की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि के ई-पंजीकरण के लिए मॉड्यूल राजस्व विभाग द्वारा तैयार किया गया है। इसका परीक्षण पूरा हो चुका है और 11 अगस्त, 2020 से राज्य के लोग ई-अपॉइंटमेंट ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्रों में स्थित भूमि, जोकि हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1975 (समय-समय पर संशोधित) की धारा 7 ए के तहत घोषित / अधिसूचित है और वे गाँव जहां जमाबंदी वर्तमान में ऑफ़लाइन हैं और वेब-हैलरिस पर उपलब्ध नहीं हैं, से संबंधित भूमि के विलेख का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, कुछ समय के लिए नियंत्रित क्षेत्र में भी भूमि विलेखों का पंजीकरण नहीं होगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उनके निर्देशानुसार हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1975 के तहत पंजीकरण कार्यों में अनियमितताओं की जाँच पर निगरानी रखने के लिए पंजीकरण रोकने की इस अवधि का उपयोग एक प्रौद्योगिकी आधारित चैक स्थापित करने के लिए किया जाए, ताकि कानून का उल्लंघन करके इस तरह के पंजीकरण को रोका जा सके। इस प्रौद्योगिकी के तहत नगर एवं ग्राम आयोजना, शहरी स्थानीय निकाय, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, एचएसआईआईडीसी, शहरी संपदा, पुलिस, वन विभागों और मुकदमेबाजी मामलों को वेब-हेलरिस ऐपलिकेशन के साथ इंटरफेस किया गया है।
बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य में शहरी क्षेत्रों में कुल 32 लाख संपत्तियाँ हैं, जिनमें से 18 लाख संपत्तियों के डाटा को विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। हालांकि, शेष संपत्तियों को भी 31 अक्टूबर, 2020 तक एकल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा।
बैठक में जानकारी दी गई है कि हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) की लगभग 3.48 लाख संपत्तियां हैं और 2009 से इन सभी संपत्तियों का डाटा डिजिटल किया जा चुका है। 58,000 अधिग्रहित भूमि में से लगभग 26,000 भूमि का डाटा राजस्व विभाग की ई-पंजीकरण प्रणाली के साथ जोड़ दिया गया है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त श्री विजय वर्धन, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, विकास और पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रधान सचिव श्री अपूर्व कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज यादव और एडीजीपी/प्रशासन श्री अर्शिंदर सिंह चावला भी उपस्थित थे।