नई दिल्ली 11 अगस्त 2020 इन्दु/नवीन बंसल (राजनीतिक संपादक) लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि आपस में जुड़े हुए विश्व में विभिन्न भाषाओं का ज्ञान बहुत उपयोगी है और विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के लिए आवश्यक भी है। यह विचार व्यक्त करते हुए कि भाषाएं लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़ती है और उनकी दक्षता एवं कुशलता बढ़ाती है। उन्होंने यह भी कहा, “भाषाएं हमें समृद्ध करती हैं और सामाजिक रुप से जोड़ने का काम करती है।” मंगलवार को संसद भवन में लोक सभा सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए फ्रेंच भाषा के प्रारम्भिक स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बिड़ला ने यह बात कही। लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि नई भाषाओं को सीखकर हमें अपने कौशल और दक्षता में सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। यह टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं का देश है और संसद हमारी विविधताओं का केंद्र बिंदु है। बिरला ने कहा “लोक सभा लोकतंत्र का मंदिर है और 130 करोड़ भारतीयों की भावनाओं की अभिव्यक्ति का केंद्र है।” लोक सभा में माननीय सदस्य अपनी बात 22 भारतीय भाषाओं में रख सकते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लोक सभा सचिवालय ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए इस तरह के प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि लोक सभा सचिवालय देश के अन्य संस्थानों का मार्गदर्शन करे और उसके लिए आवश्यक है कि हमारी दक्षता व कुशलता बेहतर हो। हमने इसी दिशा में कार्य करना प्रारंभ किया है। बिडला ने संसदीय लोकतन्त्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा की गई इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि प्राइड ज्ञान और शोध का प्रमुख केंद्र है। उन्होंने इस बात का उल्लेख भी किया कि भविष्य में जर्मन, रूसी, स्पेनिश और विश्व की अन्य महत्वपूर्ण भाषाओँ के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे।