संतकबीरनगर जितेन्द्र पाठक) संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य , बस्ती मण्डल डॉ. एस के त्रिपाठी ने कहा है कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के दौरान सभी स्वास्थ्यकर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर्स का यह दायित्व है कि वह सेवा प्रदायिगी पखवाड़े में बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी निभाएं तथा पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक लोगों को परिवार नियोजन से जोड़े। कोरोना को देखते हुए आवश्यक सावधानियों को अवश्य अपनाएं और इसे बिल्कुल नजरंदाज न करें। खुद सुरक्षित रहें तथा दूसरों को भी सुरक्षित करें।
यह बातें उन्होने विश्व जनसंख्या दिवस पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए सीएमओ कार्यालय के सभागार में शनिवार को कहीं। इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरगोविन्द सिंह ने कहा कि परिवार कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को उन दम्पत्तियों से जरूर बात करनी है, जिनको परिवार नियोजन की आवश्यकता है। ऐसे लक्षित दम्पत्तियों को उनकी पसंद के अनुसार गर्भ निरोधक साधनों जैसे-माला-एन, छाया, सी पिल्स एवं कंडोम उपलब्ध कराना है । इसके अलावा जो महिलाएं अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन की सुविधा लेना चाहती हों उनकोआशा स्वास्थ्य इकाई तक लेकर जाएं । ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) सत्र के दौरान गर्भ निरोधक गोलियां (माला-एन, छाया) और कंडोम उपलब्ध करायी जायें और जरूरी परामर्श दिया जाए । परिवार कल्याण के नोडल अधिकारी तथा एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा ने कहा कि सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स अपने कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत निवास करने वाले दम्पति को प्रेरित करें कि वह गर्भ निरोधक साधन का इस्तेमाल करें ताकि अनचाहे गर्भ और गर्भपात की कोई सम्भावना न रहे क्योंकि अनचाहा गर्भ परिवार के सपनों और संसाधनों को सीमित करता है । इस दौरान डीपीएम, डीसीपीएम, सभी ब्लाकों के बीपीएम व बीसीपीएम तथा अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे। सभी ने परिवार नियोजन के संकल्प को दोहराया और बेहतर परिणाम देने की बात कही। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा फैमिली प्लानिंग लाजिस्टिक मैनेजमेण्ट प्रणाली पर भी चर्चा की गई। जिले के सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए बेहतर कार्य करने की बात कही।
पिछले साल हुई थी 56 नसबन्दी
एसीएमओ आरसीएच ने बताया कि वर्ष 2019 में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के दौरान जहां 52 महिलाओं की नसबन्दी हुई थी, वहीं 4 पुरुषों की भी नसबन्दी की गई थी। 154 पीपीआईयूसीडी लगाए गए थे, जबकि 240 महिलाओं को त्रैमासिक गर्भनिरोधक अन्तरा इंजेक्शन की पहली डोज दी गई थी।
गृह भ्रमण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- आशा कार्यकर्ता मास्क जरूर लगाएं।
- हाथों को बार-बार साबुन-पानी से 60 सैकेंड तक धोएं।
- कम से कम दो गज की दूरी से बात करें।
- घर की कुण्डी या दरवाजा न छुएं और न खटखटाएं।
- आवाज देकर परिवार के सदस्यों को बुलाएं व बात करें।