संत कबीर नगर(जितेंद्र पाठक)संतकबीरनगर
के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की व्यायाम शिक्षिका सोनिया ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि 11 जुलाई को हर साल विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की घोषणा सर्वप्रथम 11 जुलाई 1989 को की गई थी सन 1987 को जब देश की जनसंख्या का आंकड़ा करीब 5 अरब हुआ था तो बढ़ती जनसंख्या संबंधी मामलों पर लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का निर्णय लिया गया इस दिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई क्रियाकलाप किए जाते हैं ताकि जनता जागरूक हो सके और जनसंख्या पर कंट्रोल कर सके जनसंख्या वृद्धि विश्व के कई देशों के सामने बड़ी समस्या के रूप ले चुकी है। खासकर विकासशील देशों में जनसंख्या विस्फोट गाड़ी चिंता का विषय है ऐसे में आज हम आपके लिए विश्व जनसंख्या दिवस पर जागरूकता फैलाने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें सोशल मीडिया विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों सभाओं का संचालन विद्यालय में प्रतियोगिता का आयोजन रोड शो नुक्कड़ नाटक और अन्य कई तरीकों से लोगों को जागरूक करने की सरकार द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है इस वर्ष का विषय विशेष रुप से CORONA ,COVID- 19 जैसी वैश्विक महामारी के समय में दुनिया भर के महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और अधिक सुरक्षा पर आधारित है हाल ही में एक शोध में कहा गया कि अगर लॉकडाउन 6 महीने तक जारी रहता है और स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ी गड़बड़ी होती है तो कम और मध्यम आय वाले देशों में जनसंख्या बढ़ने के भी आसार हैं इसलिए जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने की विशेष आवश्यकता है क्योंकि जनसंख्या वृद्धि विकास के मार्ग में बाधा उत्पन्न करेगा। परिवार नियोजन से जुड़े परिवारों को आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए तथा ऐसे परिवार को जिन्होंने परिवार नियोजन अपनाया है उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से परिवार नियोजन हेतु प्रेरित करना चाहिए। जनसंख्या वृद्धि के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर होने लगता है पर्यावरण प्रदूषण के कारण अनेक बीमारियों से लोग ग्रसित होने लगे पोषण की कमी हो जाती है गरीबी तथा रोजगार के अवसर कम होने के कारण लोगों में अपराध की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसलिए लोगों को राष्ट्र और समाज के प्रति उसके कार्यों का आभार दिलाना होगा की किसी भी राष्ट्र के विकास में जनसंख्या सबसे बड़ी बाधा है।