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बस्ती।जनपद मे हो रही लगातार बारिश से जन जीवन अस्त व्यवस्था है तो वहीं दुसरी तरफ घाघरा नदी भी अपने पूरे उफान पर पहुंच गयी है हरैया तहसील के दुबौलिया ब्लॉक के सुविखा बाबू गाँव के चारो तरफ घाघरा नदी के बाढ का पानी भरा हुआ है और यह के ग्रामीण महज नाव के सहारे रह गये है घाघरा नदी का जलस्तर 92.750 पर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के निशान 92.730 से दो सेमी ऊपर बह रही है घाघरा नदी के जलस्तर मे लगातार वृद्धि हो रही है और अति संवेदनशील तटबंध कटरिया चाँदपुर व गौरा सैफाबाद पर नदी का दबाव तेजी से बना हुआ है वहीँ दुसरी तरफ सुविखा गाँव के ग्रामीणों का कहना है की हमारे गाँव के ऊपर खतरा मंडरा रहा है और प्रशासन की तरफ से अभी तक दो नावों के अलावा कुछ भी व्यवस्था नही की गयी है गाँव मे संक्रमण फैलने का डर है लेकिन अभी तक ग्राम प्रधान व प्रशासन की तरफ से कोई भी दवा का छिडकाव नही हुआ है वहीं पशुपालकों के सामने चारो का संकट खडा हो गया है सुविखा गाँव के लगभग 65 घरों के लोगों के लिए एक मात्र सहारा नाव ही रह गया है तटबंध से सुविखा बाबू गाँव तीन किलोमीटर दूर है और वह जाने के लिए मात्र एक रास्ता पगडण्डी है जो पूरी तरह जलमग्न हो गया है ग्रामीणों का कहना है कि हर वर्ष गाँव वालो को लाने और ले जाने के लिए नाव लागयी जाती है लेकिन इन अधिग्रहित नाव का पैसा प्रशासन पिछले वर्ष का अभी तक नही दे पाया है जिसके चलते कोई भी अपनी नाव लागने के लिए तैयार नही है वही गाँववालों का यह भी कहना है कि जब बाढ आती है तब सभी आते है और बडे बडे दावे करते है लेकिन बाढ खत्म होते ही न कोई प्रशासन का व नेता गाँव मे आता है और न ही उनके द्वारा किया गया दावा ही पूरा होता है हम लोगो की जिन्दगी अब राम भरोसे है जो होना होगा वो होगा देखा जाएगा लेकिन शासन प्रशासन की उदासीनता चीख चीख कर कहती हैं इस गांव के साथ हर बार सफेद कुर्ता धारी नेता और जिला प्रशासन धोखा देते चले आए हैं सरकार के तमाम योजनाओं का लाभ इन ग्रामीणों को पूरी तरह से अभी तक नहीं मिला एक पुलिया गांव में जाने के लिए एक सड़क के लिए पूरे ग्रामीण अभी तक तरस रहे हैं इस गांव में अगर बरात जानी हूं तो सड़क की कोई व्यवस्था नहीं है ऐसे भ्रष्ट शासन प्रशासन से कौन सवाल पूछे कि यह जो नेता होते हैं चुनाव के समय गांव में दिखाई देते हैं उसके बाद भूल जाते हैं ग्रामीणों ने बताया संविधान में हमारे पास वोट का अधिकार है तो सरकार के तमाम सुविधाओं का अधिकार क्यों नहीं मिला यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है शासन प्रशासन से भगवान ना करे किसी दिन ऐसा ना हो कि चारों तरफ से पानी भर जाए और पूरा गांव डूब जाए ऐसे में शासन प्रशासन को मजबूती से काम करना होगा हर वर्ष खानापूर्ति करने से काम नहीं चलेगा किसी तरह की अनहोनी होने पर ग्रामीणों का कहना है किसी तरह का अनहोनी होने पर जिला प्रशासन इसका सीधा जिम्मेदार होगा
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