दुबौलिया/ बस्ती। सरयू नदी का जलस्तर फिर खतरे के निशान से तीन सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। नदी शाम पांच बजे तक 92.73 मीटर पर बह रही थी, जिससे माझा क्षेत्र में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। कृषि योग्य जमीनों की कटान बहुत तेज हो रही है।
चार दिनों से पानी से घिरे सुबिखा बाबू में प्रशासन ने चार नाव की व्यवस्था किया है। बाढ़ का पानी चारों ओर भरने से पूरा गांव टापू जैसा नजर आ रहा है। नदी के पानी से तटबंधों पर दबाव बना हुआ है। अति संवेदनशील तटबंध कटरिया-चांदपुर पर पानी का दबाव बरकरार है। वहीं गौरा सैफाबाद तटबंध पर पारा गांव के पास बने ठोकरों पर भी दबाव बना हुआ है। कटरिया गांव के ठोकर का बेस शुक्रवार को करीब 20 मीटर बैठ गया था। बाढ़ खंड लगातार इसकी मरम्मत में जुटा हुआ है।
दलपतपुर गांव के सामने भनखरपुर, खजांचीपुर, विशुनदासपुर, कटरिया, मझियार में खेती की जमीन का कटान तेजी से हो रहा है। तटबंध और सरयू के बीच बसे दर्जनभर गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करनी मुश्किल हो गई है। तटबंधों पर रैनकट से चलना मुश्किल हो रहा है। इसे भरने के नाम पर विभाग खानापूरी कर रहा है। सहायक अभियंता जितेंद्र कुमार ने बताया कि जलस्तर बढ़ रहा है। क्षतिग्रस्त कटरिया ठोकर की मरम्मत की जा रही है।
, केंद्रीय जल आयोग ने बताया है कि शनिवार को नदी का जलस्तर तीन सेंटीमीटर बढ़ गया। जलस्तर बढ़ने से आपदा प्रभावित गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ खंड ने कटर, ठोकर निर्माण व मरम्मत बंद कर दी है। शनिवार को अभियंता, कर्मचारी, श्रमिक व ठेकेदार गायब मौके से रहे। तटीय इलाकों में बाढ़ की चर्चा तेज हो गई है।
प्रभावित गांव भरथापुर व कल्यानपुर निवासी जितेंद्र सिंह, हेमंत पांडेय, संजय यादव, मंगल प्रसाद, दयाराम, अभिषेक शर्मा, राम बहादुर, घनश्याम, कलावती देवी, पुष्पा देवी आदि ने बताया कि बाढ़ खंड ने कटान रोकने के लिए गांव में तीन डैंपनर वा कटर बनाने की योजना थी। करीब डेढ़ माह पूर्व काम भी शुरू हुआ। भरथापुर में जितेंद्र सिंह के घर के पीछे एक डैंपनर, दूसरा हेमंत पांडेय के घर के पीछे और तीसरा घनश्याम पांडेय के घर के पास खुदाई तो हुई, पर और काम नहीं किया गया। तीनों जगहों पर पानी भरा हुआ है। नदी का पानी बाघनाला, भरथापुर, कल्यानपुर, चांनपुर व छतौना गांव के पास तेजी से कटान कर रही है।