बस्ती । वैशविक महामारी कोरोना ने अब खास लोगो को अपना निशाना बना लिया है जिसके कारण आम लोग बेहद दहशत में है कल तक जिले में हालात बेहतर होने का दावा करने वाले अफसरों के शयनकक्ष में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है यही नही नगर पालिका अध्यक्षा के पति इस बीमारी में गोलोकवासी हो चुके है जबकि हिन्दू युवावाहिनी के जिलध्यक्ष जहां इससे जुझ रहे है वही अब उनकी पत्नी भी इसकी चपेट में है भाजपा नेता रविन्द्र गौतम हालाकि इससे निजात पाते नजर आ रहे है वही शहर के मालवीय रोड पर स्थित एक भब्य नर्सिग होम के कर्मचारियों की कोरोना जांच रिर्पोट के अचानक लापता होने से प्रशासन सवालों से घिर गया है ।
अच्छी खबर यह है कि नगरपालिका अध्यक्षा श्रीमती रूपम मिश्र सहित तमाम संक्रमित सम्भ्रन्त लोगो के सेहत में सुधार की खबरे आम जनमानस को सुकून दे रही है लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जनपदवासियों में भय का माहौल है इतना ही नही प्रशासन का सामान्य रवैया भी लोगो के समझ में नही आ रहा है अभी हाल में शहर से सटे मुड़घाट ग्राम निवासी बस्ती सदर तहसील के कानूनगो रामकुमार वर्मा की कोरोना संक्रमण से मौत हो गयी उनके दो बेटे भी कोरोना संक्रमित पाये गये यद्यपि दोनो बेटो को उपचार के लिए कैली अस्पताल में दाखिल करा दिया गया परन्तु इतना सबकुछ होने के बावजूद ना तो गांव के सम्बन्धित इलाके का सेनेटाइजेशन कराया गया और ना ही अन्य कोई प्रतिरोधामक कार्रवाई यही नही उनके पड़़ोसी भी कोरोना से संक्रमित पाये गये और गांव के एक बुजुर्ग भी ।
जबकि संक्रमित कानूगों के मौत के बाद प्रशासन ने सदर तहसील को 24 घन्टे के लिए सील भी किया और तहसील कर्मियों की कोरोना जांच भी कराई ऐसे में आमजनमानस के बीच यह सवाल खड़ा होता है कि प्रशासन का यह दोहरा मापदण्ड क्यों ?
बताते चले अभी पिछले दिनों बांसी रोड स्थिति एक नीजी चिकित्सालय में कुछ कर्मियों की जब कोरोना रिपोर्ट पाजिटिब आई तो प्रशासन ने अपने अस्तर से दबाने का प्रयास किया किन्तु तमाम सवालों के बाद अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई भी हुई तो वह महज कागजी ।
शायद यही कारण है कि आज बस्ती जनपद में कोरोना ने अपना बिकरालरूप दिखा दिया है जिसके ज्यादातर शिकार वही हो रहे है जिन्होने इस संकट को हलके में लिया और वो खुद लोगो को इस संकट से बचाने का प्रयास कर रहे थे यही वजह है कि आज जनपद में कोरोना के चलते 21 मौते हो चुकी और लगभग सैकड़ो लोग इसके गिरफत में आ चुके है यद्यपि शुरूआती दौर में प्रशानिक प्रयासो की लोगो ने जमकर प्रशन्सा की किन्तु बदले हुए हालात में इस संकट को विकराल होता देख लोगो का प्रशासन से विश्वास उठ गया है । तमाम स्वयं सेवी संस्थाये के साथ राजनैतिक दल भी शुरूआत में इस महामारी सें लड़ने के लिए खड़े हुए परन्तु वह भी विकराल रूप में भी खामोश हो गये रेडक्रश के सचिव सरदार कुलवेन्द्र ंिसह मजहबी कहते है कि जनपदवासियों को इस महामारी से लड़ने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है और जहांतक खास लोगो के संक्रमित होने का सवाल है तो जो लोग क्षे़त्र में काम कर रहे है उन्हे खतरा ज्यादा है हलाकि इससे भी बचने के उपाय किये जा रहे है परन्तु यदि दुर्भाग्यवश कोई संक्रमित हो रहा है तो उसके इलाज की समुचित ब्यवस्था में जिला प्रशासन अनवरत कार्यरत है वही कोरोन की नोडल अधिकारी सीडीओ शरनीत कौर ब्रौका का कहना है कि जिले में हातात नियन्त्रण में है और निजी चिकित्सालय के कर्मचारियों की गायब हुई कोरोना जाच रिर्पोर्ट की जांच की जा रही है रिपोर्ट मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी ।
फिलहाल अफसरो के आवास में कोरोना संक्रमण की दस्तक सुनकर जनपदवासी भयभीत है और लोग खुद इस समस्या से निपटने का प्रयास करते नजर आ रहे है ।
वही प्रशासन के रवैये पर सत्तारूढ़ भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलो की खामोशी अब लोगो को अखर रही है ।