बस्ती : पूर्व विधायक राना कृष्ण किकर सिंह और उनके पुत्र राना नागेश प्रताप सिंह सिंह ने भी शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया। यह दोनों नेता बसपा में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस छोड़ने से पहले पूर्व विधायक दिल्ली में बसपा प्रमुख मायावती से मिले। साथ में पुत्र भी मौजूद रहे। जागरण से बातचीत में पूर्व विधायक ने पुष्टि की। बताया कांग्रेस में वह असहज महसूस कर रहे थे। सबको साथ लेकर चलने की जगह यहां कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता अपनी राग ढपली बजा रहे थे। ऐसे में कांग्रेस में रहना मुश्किल हो गया था।
बसपा से पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी,पूर्व सांसद अरविद चौधरी,पूर्व विधायक जितेंद्र चौधरी नंदू, पूर्व सांसद लालमणि के बसपा छोड देने के बाद बस्ती जिले में पार्टी शून्य की स्थिति में पहुंच गई थी। बसपा छोड़ने वाले यह सभी नेता सपा में शामिल हो गए हैं। सपा को टक्कर देने के लिए बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस से जुडे दिग्गज नेताओं पर डोरे डाल रही थी। एक दिन पहले गुरुवार को पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह,उनके भाई बृजकिशोर सिंह डिपल और पुत्र जिला पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह शानू ने कांग्रेस छोड दी। इन तीनों नेताओं के भी बसपा में शामिल होने की अटकलें चल रही है।
राना कृष्ण किकर सिंह ने राजनीतिक सफर वर्ष 1977 में एपीएन कालेज के छात्र संघ अध्यक्ष से की। इसके बाद वह प्रधान चुने गए। वर्ष 1983 और 1988 में बहादुरपुर के ब्लाक प्रमुख रहे। वर्ष 1989 और 91 में कप्तानगंज विधान सभा सीट से निर्दल विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 1995 में जिला पंचायत अध्यक्ष भी बने। पिछले चुनाव में वह कप्तानगंज सीट से कांग्रेस से लड़े थे और हार गए।