भारत ने शुरुआत में काफी कड़ी सावधानी रखकर देशवासियों को कोरोना वायरस से बचाने की भरपूर कोशिश की और इसका लाभ भी देशवासियों को मिला। जहां अमेरिका, इटली जैसे विकसित राष्ट्रों में लाखों मौतें हुईं, वहीं भारत में इतनी बड़ी आबादी और कम सुविधा होने के बावजूद भी कुछ हजार पर यह आंकड़ा ठहरा हुआ है।
30 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस बात का ज़िक्र भी किया कि लोगों को जब अधिक सावधान रहना चाहिए, तब वह लापरवाही कर रहे हैं।
चूंकि देश को अनलॉक किया जाना आवश्यक हो गया था, क्योंकि अब अगर लॉकडाउन जैसी गतिविधि को आगे बढ़ाया जाता तो मुश्किल यह थी कि लोग डिप्रेशन और बदहाली से वैसे ही मर जाते!
कइयों का समूचा सिस्टम बिखर जाता, इसलिए खतरे के बावजूद केंद्र और तमाम राज्य सरकारों को लॉकडाउन खोलने और सामान्य गतिविधियां चलाने की इजाजत देनी पड़ी। ऐसे में दिल्ली जैसी जगहों पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन के संकट की बात कही जाने लगी। हालाँकि, हम सभी जानते हैं कि भारत में जिस प्रकार की आबादी और व्यवस्था है, वैसी स्थिति में सरकारें एक हद तक ही सक्षम हैं और अगर हम सावधानी नहीं रखेंगे तो मुसीबत को बढ़ने से हमें कोई नहीं बचा सकता।
इसके लिए कुछ पॉइंट पर हमें सजग होने की जरूरत है।
जी हां! अनुशासन की जरूरत इस वर्ष में जितनी है, उतनी जरुरत शायद कभी और नहीं रही होगी। एक शब्द "इम्यूनिटी", जो आप बार-बार सुन रहे हैं, उसका सर्वाधिक सम्बन्ध नियमित चर्या से कहीं ज्यादा है। अगर ठीक समय पर आप अपने सारे कार्य करते हैं, तो इसकी उम्मीद ज्यादा होती है कि आप स्वस्थ रहें और ऐसे में आपकी इम्यूनिटी भी विकसित होती है। वही जब आप असमय अपने तमाम कार्य करते हैं तो आपकी इम्युनिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप नियमित रहें।
सावधानी ही बचाव
जी हां! मनुष्य का स्वभाव है कि वह किसी भी परिस्थिति में खुद को ढाल लेता है, किंतु इसके साथ सजगता यह रखी जानी चाहिए कि जरा भी असावधानी हुई, तो आप दुर्गति के शिकार हो सकते हैं।
दिन-प्रतिदिन आप खबरें सुन रहे होंगे कि तमाम सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में आप चाहे पैसे वाले हों, चाहे गरीब हों, आप चाहे स्त्री हों, चाहे पुरुष हों, अगर कोरोना नामक बीमारी आपको होती है तो आपको भारी कष्ट उठाना पड़ सकता है। न केवल आपको, बल्कि आपका परिवार इससे संकट में आ सकता है। इसीलिए अगर आप अब तक सावधानी रखते आ रहे हैं, तो आप आगे भी महीनों तक सावधान रहने के लिए कमर कस लें। इसमें भीड़-भाड़ जगह से बचना, मास्क, सैनिटाइजर का नियमित तौर पर प्रयोग करना, रेड जोन / कन्टेनमेंट ज़ोन जैसे खतरनाक इलाकों में नहीं जाना, बाहर से लाए हुए किसी भी सामान को सैनिटाइज करना और खुद भी स्नान करना और बाहर से आए हुए कपड़ों को ढूंढना इत्यादि शामिल है।
अगर आप इन विषयों पर पूर्ण रुप से सावधानी रखते हैं तो बहुत मुमकिन है कि आप खुद को, खुद के परिवार को और दूसरों को बचा पाएंगे।
इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजों के प्रति जागरूकता
जी हां! ऐसा देखा गया है कि अगर कोई व्यक्ति इम्युनिटी अच्छी रखता है तो वह कोरोना को मात दे सकता है। ऐसे में देसी उपायों के प्रति अविश्वास ना बनाएं। वह चाहे हल्दी दूध पीना हो, वह चाहे विटामिन सी से भरपूर चीजों को खाना हो, या दूसरे उपाय।
आयुर्वेद का इस्तेमाल भी इस सम्बंध में कतई हानिकारक नहीं है।
ध्यान रखिए, इस वक्त हम सभी संकट में हैं और संकट से घबराने की बचाए उससे सावधानी रखने और उससे मुकाबला करने की तैयारी करने में ही बुद्धिमानी होती है। हालाँकि, ख़ुशी की बात यह है कि विश्व की तमाम कंपनियों के साथ भारत में भी वैक्सीन के विकास की उम्मीद बढ़ गयी है और जल्द ही इंसानों पर ट्रायल हो सकता है।
पर इसका मतलब यह नहीं है कि हम असावधान हो जाएँ, क्योंकि ज़रा सी चूक हमें बीमार कर सकती है।
-संध्या दीक्षित