श्रवण मास में कांवड़ यात्रा स्थगित होने के चलते शनिवार को तेरस के दिन शिवालयों में श्रद्धालु जलाभिषेक नहीं कर सके। पौराणिक मंदिरों पर जगह-जगह पुलिस का पहरा रहा। स्थानीय लोग आस-पास के मंदिरों में जलाभिषेक किए। जबकि हर वर्ष तेरस पर बाबा भदेश्वरनाथ धाम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करते थे, लेकिन इस बार मंदिर के चारो तरफ पुलिस का सख्त पहरा रहा।
हर साल श्रावण मास में लाखों की संख्या में कांवडिए ग्रामीण क्षेत्र व आस-पास के जिलों से अयोध्या जाकर सरयू नदी से जल लेकर पदयात्रा करते हुए बाबा भदेश्वरनाथ सहित अन्य शिवालयों पर पहुंचकर जलाभिषेक कर भगवान शिव की विशेष आराधना करते थे।
भदेश्वरनाथ जाने वाले रास्ते पर डारीडीहा में ही जाने वाले लोगों को रोक दिया गया। किसी को भी मंदिर की तरफ जाने वाली सड़क की तरफ पुलिस वाले नहीं जाने दिए। मंदिर परिसर में कोतवाल रामपाल ने खुद मोर्चा संभाल रखा था। चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात रही। मंदिर के चारो तरफ बैरीकेटिंग पर पुलिस की तैनाती रही, जिससे आम जनमानस को भी मंदिर में प्रवेश नहीं मिल सका। आस-पास के लोग दो-दो, तीन-तीन की संख्या में जलाभिषेक किए।
कांवड़ यात्रा स्थगित होने और शिवालयों की तरफ जाने वाले रास्ते पर बैरीकेटिंग के चलते लोगों ने अपने घरों के आसपास छोटे-छोटे शिवालयों में जलाभिषेक किया। कुछ लोगों ने रुद्राभिषेक भी करवाया। इसी तरह से देवरिया माफी, कड़रखास, बरवांधाम सहित सभी पौराणिक शिवालयों के परिसर में लगने वाला मेला न लगने से मंदिर परिसर में सन्नाटा रहा।