गोरखपुर। गोरखपुर से कांग्रेस के विधायक रहे हरिद्वार पांडेय ऐसे नेता हैं, जो बेहद सादगी में जी रहे हैं। वर्ष 1980 से 1985 तक वह यहां से विधायक रहे। तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के करीबी रहे, बावजूद इसके हरिद्वार पांडेय अपने लिए अच्छा सा मकान नहीं बनवा सके। यह उनकी ईमानदारी और जनसमर्पणता का उदाहरण है कि, वह एक खपरैल के घर में रहे।
88 साल की उम्र में उनके पास जमापूंजी के नाम पर मानीराम में करीब ढाई बीघा जमीन है। बीते रविवार को उनका खपरैल का मकान भी बारिश की भेंट चढ़ गया। जिसके चारों कमरे भरभरा कर गिर गए। बस एक बरामदा बचा रह गया। तब से वह अपने पूरे परिवार के साथ बरामदे में रह रहे हैं। उनकी स्थिति देखकर बिल्कुल भी नहीं लगेगा कि, हरिद्वार पांडेय कभी कांग्रेस पार्टी में बड़े ओहदे के नेता रहे होंगे। न ही ऐसा लगेगा कि, विधायक होंगे।
देखकर लगता नहीं कि विधायक रहे होंगे
देखकर लगता नहीं कि विधायक रहे होंगे
खपरैल का घर गिरने के बाद वहां पहुंचे संवाददाता से उन्होंने कहा कि, 88 साल की उम्र में भी मैं कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं। स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह (तत्कालीन मुख्यमंत्री) से भी अच्छे संबंध रहे थे। अब मेरा यह मकान गिर पड़ा है तो अब थोड़ी मुश्किल होगी। मुझे लगता है कि टाट-पट्टी बांधकर इसी में रहना पड़ेगा। खैर अभी देखते हैं, आगे क्या होता है।
हरिद्वार पांडेय अब सोशल साइट्स पर चर्चा का विषय बन गए हैं। उनकी ईमानदारी के किस्से सुन-सुनकर लोग उनके प्रति संवेदनाएं जाहिर कर रहे हैं। इसी बीच एक भाजपा नेता उनकी मदद को आगे आए हैं। भाजपा के एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने हरिद्वार से मुलाकात कर उन्हें 1 लाख रुपए की मदद की है।