बस्ती : सीबीएसई मैनेजर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी सदर विधायक दयाराम चौधरी के साथ जिलाधिकारी से मुलाकात की। उन्हें अभिभावकों द्वारा फीस जमा न किए जाने से उत्पन्न समस्या से अवगत कराया गया। कहा कि सीबीएसई बोर्ड के निर्देश पर अप्रैल से ही आनलाइन कक्षाएं संचालित हो रही है। बावजूद इसके फीस जमा करने में अभिभावक रुचि नहीं ले रहे हैं। संरक्षक अशोक शुक्ल एवं अरविद पाल ने बताया कि सक्षम अभिभावक भी हीलाहवाली कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष जेपी त्रिपाठी, प्रदेश संगठन मंत्री अनूप खरे, जेपी सिंह,इं. शैलेश चौधरी, सुरेंद्र सिंह, मुकेश खंडेलवाल,जेपी त्रिपाठी,लिटिल फ्लावर के प्रबंधक सुरेंद्र प्रताप सिंह,शुभम ग्लोबल के विवेक श्रीवास्तव,डान वास्कों के राजेश मिश्रा,सरला के प्रबंधक सुयश जासवाल,ब्लूमिग बड्स के दीपक श्रीवास्तव,जागरण पब्लिक स्कूल के प्रदीप पांडेय और इंडियन पब्लिक स्कूल के कैलाश नाथ दूबे सहित अन्य मौजूद रहे।
कोरोना काल में विद्यालय बंद हुए तो स्कूलों में फीस आना भी न के बराबर हो गया। अभिभावक लॉकडाउन अवधि की फीस माफी को लेकर ऊहापोह में है। इस वजह से सक्षम लोग भी अपने बच्चों की फीस जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं। जिससे निजी विद्यालयों की आर्थिक दशा दयनीय हो गई है। कर्मचारी और शिक्षकों का वेतन वितरण भी नहीं हो पा रहा है। यह समस्या मंगलवार को जिलाधिकारी के संज्ञान आई तो फीस माफ न किए जाने की स्थिति स्पष्ट कर दी गई।
निजी स्कूलों में लॉकडाउन अवधि की फीस नहीं माफ होगी। जिला विद्यालय निरीक्षक डीआइओएस बृजभूषण मौर्य ने मंगलवार को एक बयान जारी कर साफ कर दिया है कि लॉकडाउन अवधि की फीस माफ करने संबंधी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। अभिभावक बच्चों की फीस जमा करने में लेटलतीफी कर रहे हैं। जिससे इन स्कूलों में आर्थिक संकट गहरा गया है। वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा हैं।