संतकबीरनगर, डाक विभाग के सहयोग के चलते जिले के टीबी मरीजों के इलाज में तेजी आई है | एक पखवाड़े के दौरान जिले से कुल 17 नमूने जांच के लिए वाराणसी और लखनऊ के जांच केन्द्रों को भेजे गए और उनकी त्वरित रिपोर्ट भी आ गई। रिपोर्ट मिलते ही जिनमें टीबी की पुष्टि होती है, उनका इलाज शुरू कर दिया जाता है | ऐसा होने से मरीजों के साथ ही विभाग को भी काफी हद तक राहत मिली है।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक अमित आनन्द ने बताया कि यह व्यवस्था शुरू होने से पहले नमूने वाराणसी और लखनऊ स्थित सेण्ट्रल लैब को कोरियर के जरिए भेजे जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पहले की व्यवस्था में कई बार नमूने समय से नहीं पहुंच पाते थे, जिसकी वजह से खराब भी हो जाते थे। दोबारा नमूने लेने में विभाग के साथ ही बीमार को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। नमूने देने के लिए जिला मुख्यालय तक आना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब नमूना स्थानीय डाट्स सेण्टर पर ही लेकर जिला मुख्यालय को भेज दिया जाता है। जिला मुख्यालय पर नमूना निकालकर एक तो सीबीनॉट मशीन से चेक किया जाता है, वहीं दूसरा सेण्ट्रल लैब को भेजा जाता है। जिले के सहायक डाक अधीक्षक एस के चौधरी के सहयोग से यह कार्य बेहतर ढंग से हो रहा है। सभी पोस्टमैन को सैम्पल हैंडलिंग की जानकारी भी दे दी गई है।
जिला तथा सेण्ट्रल लैब जाएंगे सैम्पल
जिला कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि रुटीन जांच के लिए आने वाले नमूने जिला मुख्यालय स्थित लैब भेजे जाएंगे. टीबी मरीजों के फॉलोअप नमूने वाराणसी और लखनऊ की लैब को भेजे जाएंगे। इन नमूनों पर टीबी स्पुटम ट्रांसपोर्टेशन का लेबल लगा रहेगा, जिससे डाक विभाग को इसे पहचानने तथा डिलिवरी में प्राथमिकता देने में सुविधा होगी।
सैम्पल देने के लिए नहीं जाना पड़ा जिला मुख्यालय
बघौली ब्लाक क्षेत्र के एक मरीज ने बताया कि उसे टीबी है। फॉलोअप सैम्पल देने के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ता था, लेकिन इस बार सैम्पल बघौली पीएचसी स्थित केंद्र पर ही दे दिया। इससे उसके समय और धन की बचत भी हुई है। यह सुविधा पहले से बेहतर है।
पोस्टमैन विजय को सेण्ट्रल लैब के लिए सैम्पल सौंपते हुए टीबी अभियान के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द व लैब टेक्निशियन राजेश