नई दिल्ली। रेडियो कार्यक्रम मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारे में कई मोर्चे पर चीन को जवाब दिया. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सैकड़ों आक्रांताओं ने देश पर हमला किया लेकिन भारत इससे भव्य होकर सामने आया. वहीं, चीन का नाम लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा कि लद्दाख में भारत की तरफ आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है.
भारतीय बाजार में चीनी खिलौनों को लेकर भी प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखी और इंडोर गेम्स पर जोर दिया. उन्होंने कहा, हमारी युवा पीढ़ी के लिए भी, हमारे स्टार्टअप्स के लिए भी, यहां एक नया और मजबूत अवसर है. हम भारत के पारंपरिक इनडोर गेम्स को नए और आकर्षक रूप में प्रस्तुत करें. प्रधानमंत्री ने कहा, मेरे बाल-सखा मित्रों, हर घर के बच्चों से, मेरे नन्हें साथियों से भी आज मैं एक विशेष आग्रह करता हूं.
प्रधानमंत्री ने कहा, जब थोड़ा समय मिले तो माता-पिता से पूछकर मोबाइल उठाइए और अपने दादा-दादी, नाना-नानी या घर में जो भी बुजुर्ग हैं, उनका इंटरव्यू रिकॉर्ड कीजिए, अपने मोबाइल फ़ोन में रिकॉर्ड करिए. आप उनसे जरूर पूछिए कि वो बचपन में उनका रहन-सहन कैसा था, वो कौन से खेल खेलते थे, कभी नाटक देखने जाते थे, कभी खेत-खलिहान में जाते थे, त्योहार कैसे मानते थे, बहुत सी बातें आप उनको पूछ सकते हैं.
बता दें, पीएम के इस बयान के बाद वैसे लोगों को कड़ा जवाब मिला है जो चीन के मामले में कई दिनों से प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछ रहे थे. कई विपक्षी दलों के नेताओं ने चीन मसले पर प्रधानमंत्री से बयान देने की मांग की है. मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने चीन की बाद उठाकर इशारे में कई सवालों के जवाब दिए हैं.
प्रधानमंत्री होने के नाते उन्होंने किसी देश का नाम तो नहीं लिया लेकिन इतना जरूर कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर, आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है. भारत मित्रता निभाना जानता है, तो आंख-में-आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है.
प्रधानमंत्री ने कहा, लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है. पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है. इन साथियों के परिवारों की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है.