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संतकबीरनगर( जितेंद्र पाठक), सीएमओ डॉ. हरगोविन्द सिंह ने कहा कि दस्तक अभियान एवं संचारी रोग नियंत्रण माह के दौरान आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका अति महत्वपूर्ण होगी। आशा कार्यकर्ता गृहभ्रमण के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से अनुपालन करें। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वह किस तरह से कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए इस विशेष अभियान को पूर्ण करें।
सीएमओ ने बताया कि कोविड – 19 को देखते हुए इस बार दस्तक अभियान के दौरान कुछ बदलाव सभी संबंधित गतिविधियों के लिए किए गए हैं। आशा कार्यकर्ता गृहभ्रमण के दौरान कुण्डी या दरवाजा नहीं खटखटाएगी बल्कि लोगों को नाम लेकर बुलाएगी। साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तौर पर अनुपालन किया जाएगा। कोई भी आशा कार्यकर्ता अभियान से वापस लौटने के बाद हाथों को साबुन से धोकर ही अपने घर के अन्दर जाएगी तथा अपने वस्त्रों को स्वच्छ रखेगी। रास्ते में कहीं या किसी के भी घर कुछ भी खाने पीने की बिल्कुल मनाही है। खुद मॉस्क लगाना और साथ ही लोगों को मॉस्क लगाने तथा फिजिकल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने के लिए भी प्रेरित करना होगा। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं का ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण कोविड प्रोटोकाल के बीच चल रहा है। उन्हें अभियान के दौरान उनकी भूमिका की पूरी जानकारी दी जा रही है। ताकि वह संचारी रोग व दस्तक अभियान को बेहतर तरीके से संचलित कर सकें ।
आशा कार्यकर्ताओं के कार्यों का 10 प्रतिशत सत्यापन
अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता जो भी कार्य करेंगी उन कार्यों का 10 प्रतिशत सत्यापन जिला स्तर पर डीसीपीएम के द्वारा किया जाएगा। साथ ही साथ 10 प्रतिशत सत्यापन ब्लाक स्तर पर बीसीपीएम के माध्यम से किया जाएगा। ताकि अभियान सफल हो सके।
आशा कार्यकर्ता हर घर को करें कवर
आशा कार्यकर्ताओं के लिए दिशा-निर्देश है कि वह हर घर जाकर जागरुकता अभियान चलाएगी। साथ ही साथ उस घर पर विशेष ध्यान देगी जहां पर 15 वर्ष की आयु से कम उम्र के बच्चे हैं। गृहभ्रमण के दौरान ऐसे गृहस्वामियों के उपर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
जल के कलोरीफिकेशन का भी देगी डेमो
आशा कार्यकर्ता लोगों को इस बात की भी जानकारी देगी कि वह पानी को स्वच्छ कैसे करें। वह कलोरीनेशन डेमो के जरिए लोगों को इस बात की जानकारी देगी कि पीने के पानी में किस मात्रा में क्लोरीन की गोलियां डाली जाएं कि वह स्वच्छ व शुद्ध हो जाए।