बस्तीः बनकटी विकास खण्ड के खैराटी, कनेहटी गावों में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत ग्रामीणों ने बीडीओ, डीडीओ, सीडीओ, डीएम और मुख्यमंत्री से किया है लेकिन भ्रष्टाचार बदस्तूर जारी है। शिकायतों का रत्ती भर असर नही है। माना जा सकता है या तो शिकायती पत्रों को डस्ट बिन में डालने की परंपरा निभाई जा रही है अथवा जानबूझकर भ्रष्टाचार में लिप्त प्रधान को संरक्षण दिया जा रहा है। मामला कुछ भी हो ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। फिलहाल शिकायती की जमीनी हकीकत जानने पत्रकारों की टीम आज मौके पर पहुंची।
शिकायतें जितनी की गयी थीं उससे ज्यादा मिलीं। यहां घटिया किस्म की ईंट से खड़न्जा बनवाया जा रहा है। तालाबों में जलकुम्भी और तमाम झाड़ झंखाड़ उगे हैं, इसमे मनरेगा येजना के तहत कार्य दिखाकर पेमेन्ट लिया जा रहा है। निजी तालाबों मे भी काम दिखाकर प्रधान मस्टररोल तैयार करवाकर सरकारी मद से भुगतान ले रहे हैं। प्रधान और सेक्रेटरी की मिलीभगत से एक दर्जन से ज्यादा अपात्रों को पीएम आवास दिलाया गया है जबकि इससे ज्यादा लोग झोपड़पट्टी अथवा पन्नी तानकर जीवनयापन कर रहे हैं।
जिन अपात्रों को आवास मिले हैं उनके पास आलीशान मकान और ट्रैक्टर ट्राली है। शौचालय किसी को नही मिला। कुछ लोगों को चेक मिला, कैश ही नही हुआ। जरूरमंदों का जाबकार्ड ही नही बना। मनरेगा येजना का लाभ वही ले रहे हैं जो प्रधान के बेहद करीबी हैं और पैसा आने पर बगैर किसी बहंसबाजी के उन्हे हिस्सा देते हैं। जलनिकासी को लेकर भी प्रधान पर आरोन हैं कि पाइप लगवाने का पैसा बचाने के लिये वे किसी दूसरे की जमीन में नाली का पानी गिरा रहे हैं। ताज्जुब इस बात का है कि नीचे से ऊपर तक हर जगह शिकायती पत्र पहुंच चुका है और प्रधान भ्रष्टाचार की जड़ों में पानी डाल रहे हैं। रिपोर्ट जीरों ग्राउण्ड की है। अभी और भी बहुत कुछ है। आज बस इतना ही।