बस्ती: बस्ती जनपद की गौर थाना पुलिस रक्षक की बजाय भक्षक की भूमिका में आ गयी है। इसी थाना क्षेत्र के ग्राम हरनाखुरी निवासी युवक राजन तिवारी की आपबीती इस बात का पुख्ता प्रमाण है। ये युवक पुलिस से एक बेबस-पीड़ित महिला को इंसाफ दिलाने की हिमाकत कर बैठा और पुलिस इस युवक की ही जान के पीछे पड़ गयी।
मामला 22 जून 2020 का है। राजन अपने गांव की एक विधवा महिला को लेकर थानेदार अनिल दुबे के पास पहुंचे। राजन के मुताबिक महिला को गांव के कुछ दबंगों ने निर्वस्त्र करके बुरी तरह पीटा था। राजन की दरियाफ्त थी कि पुलिस उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों पर सख्त कार्यवाई करे। आरोप है कि इस दरियाफ्त पर थानेदार राजन पर तहरीर बदलने का दबाव बनाने लगे। बात नहीं बनी तो राजन पुलिस अधीक्षक के सामने पेश हो गए। वहां से गौर पुलिस को सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश हो गया। बस यही बात थानेदार को नागवार लग गयी। पुलिस अधीक्षक के आदेश की बावत थाने पहुंचे राजन का पुलिस के उस रूप से सामना हुआ जिससे योगी सरकार हमेशा पल्ला झाड़ती है।
राजन के अनुसार, थानेदार ने फर्जी मुकदमे लाद कर ज़िन्दगी बर्बाद करने की धमकी तो दी ही लावारिस मिलने वाली लाशों के हवाला देकर यह भी कह डाला कि ऐसी ही गति तुम्हारी भी हो सकती है। इस हरकत से राजन इस कदर दहशत में आ गए कि उन्होंने अपना घर ही छोड़ दिया। राजन का कहना है कि थानेदार के अंदाज़ से उन्हें अपनी जान का खतरा बना हुआ है। इस करतूत की जानकारी सोशल मीडिया के विविध माध्यमों से सार्वजनिक भी की है और पुलिस के आला अफसरों से लगायत मुख्यमंत्री कार्यालय को ट्वीट भी किया है। फिलहाल, राजन बिना किसी जुर्म के भूमिगत होकर समय काट रहे हैं।