बस्ती। चिकित्सकीय लापरवाही के कारण हृदय रोगी बालिका माही के निधन से आहत समाजसेवी राना दिनेश प्रताप सिंह ने कल देर जिलाधिकारी की पहल पर अपना भूख हड़ताल स्थगित कर दिया। उन्होंने जिला प्रशासन के सामने ही ऐलान किया कि अब भी अगर बस्ती मे हृदय रोग विभाग संचालित नहीं कराया गया तो हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे। श्री राना ने कहा कि अब और मौतों का इंतजार करने का समय नही है।कल शुक्रवार को 11 बजे से गांधी कला भवन परिसर मे तीन सूत्रीय माँगो को लेकर आमरण अनशन पर बैठे राना से एस डी एम सदर , सी ओ सिटी और तहसीलदार की दिन में कई चक्र वार्ता असफल हो गयी। इस दौरान कई बार अधिकारियों और आंदोलत राना के बीच तीखी झड़पें भी हुई। प्रशाशन का कहना था कि बिना अनुमति आंदोलन गैर कानूनी है और यह धरना स्थल के बजाय सरकारी कार्यालय है। अनशनरत समाजसेवी राना ने कहा कि हम कानून तोड़ने के एवज मे जेल जाने को तैयार हैं लेकिन मेरी मांगे सुनी जाए। अंततः जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बस्ती में हृदय रोग विशेषज्ञ तैनात करने हेतु उत्तर प्रदेश शाशन को पत्र भेजा तब कही जाकर मामला शांत हुआ। श्री राना ने कहा की शिक्षक नेता शांति भूषण त्रिपाठी से लेकर माही तक न जाने कितने लोग इस घटिया चिकित्सा व्यवस्था की बलि चढ़ चुके है बावजूद इसके जिम्मेदारों की कुंभकर्णी निद्रा नही टूट रही है। श्री राना की मांग है कि हायर सेंटर के अस्पतालों मे रिफर होने वाले मरीजों को भर्ती करने का प्राविधान हो तथा वर्षो से बंद पड़े जिले के हृदय रोग विभाग को पुनः संचालित कराया जाए। इसी प्रकार दिल्ली और लखनऊ के सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल को जिला मुख्यालय के अस्पतालों से जोड़ कर गम्भीर रोगियों के इलाज की व्यवस्था बनायी जाए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रशाशनिक और पुलिस अधिकारी तथा पूर्व ब्लाक प्रमुख राना के समर्थक धरना स्थल पर जमे रहे।