बस्ती, । बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के सिद्धान्त और उनकी सोच ने उन्हे असाधारण बना दिया। उनका मानना था जब तक हम सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नही कर लेते तब तक कानून द्वारा मिली स्वतंत्रता बेमानी है। वे सामाजिक बराबरी के पक्षधर थे। यह बातें राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष राधेश्याम चौधरी ने कही। लॉकडाउन के कारण वे अपने पैतृक गांव बढ़या मे डा. अम्बेडकर को उनकी जयंती पर याद कर रहे थे।
प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद उन्होने पार्टी समर्थकों से चर्चा के दौरान उन विशेषताओं पर प्रकाश डाला जिसके कारण डा. अम्बेडकर कर वैश्विक पहचान बनी। रालोद नेता ने आगे कहा कि डा. अम्बेडकर कुशल राजनेता, अर्थशास्त्री और समाजसुधारक थे। वे जीवन भर समानता के अधिकारों के लिये लड़ते रहे और दुनियां को नया नज़रिया दिया। इस अवसर पर अहरा के पूर्व प्रधान रामशंकर निराला, राय अंकुरम श्रीवास्तव, शिवकुमार गौतम, श्रीराम मौर्या, रवीन्द्र चौधरी, लक्ष्मण चौधरी आदि मौजूद रहे।