बस्ती । पूरे देश में लाॅक डाउन कर घरों में रहने और सोशल डिस्टेन्सिंग के माध्यम से कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने की चुनौतीपूर्ण कोशिशें की जा रही हैं । इसके विपरीत एक स्थानीय दब॔ग और भूमाफिया कहे जाने वाले व्यक्ति ने लाॅक डाउन को मजाक समझ लिया है । इस भू माफिया के ऊपर न प्रशासन का खौफ, न दूसरों के जान की चिन्ता ।
जिलाधिकारी द्वारा कोतवाली को कार्यवाही किये जाने के लिए लिखे जाने के बाद भी करीब पखवारे तक कोई कार्यवाही नहीं हुई । कल पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना द्वारा व्यक्तिगत रूचि ली गयी , तो लाॅक डाउन का उल्लंघन रोका जा सका ,लेकिन कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो पाई है । मामला कथित भू माफिया द्वारा 24 मार्च से ही विवादित भूखण्ड पर मजदूर और राजमिस्त्री लगाकर काम कराने से जुड़ा हुआ है ।
बता दें कि स्थानीय पिकौरा शिव गुलाम में स्थित एक भूखण्ड पहले से विवादित है । जिस पर नगर पालिका एवं भू माफिया / प्रापर्टी डीलर की मिलीभगत से गलत तरीके से अतिक्रमण करने और अवैधानिक रूप से एक दूसरे को लाभ पहुंचाने के आरोप लगते रहे हैं । नियमों का उल्लंघन कर निर्माण कार्य कराने वाला व्यक्ति इस स्थल के सामने का ही रहने वाला है ।
जानकारी के मुताबिक पिकौरा शिव गुलाम ( केनरा बैंक के पीछे ) के इस अवैधानिक कार्य की शिकायत जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन से की गयी थी , जिस पर डीएम ने कोतवाली को सीधे वैधानिक कार्यवाही करने का निर्देश दिया था , लेकिन कार्य चोरी छिपे कराया जाता रहा । बताया गया है कि करीब पन्द्रह दिन से अवैध कार्य कराने में सफल रहने के बाद इस माफिया ने कल दस अप्रैल को बाहरी मजदूरों को बुलाकर ठेके पर कार्य कराना शुरू कर दिया ।
लोगों की मानें तो स्थानीय पुलिस की लापरवाही के कारण ही उक्त व्यक्ति सामाजिक हित और कानून की परवाह किये बिना अपने निजी स्वार्थ के लिए गलत इरादे में कामयाब होता रहा । लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना नजरिया का आलम यह है कि स्थानीय चौकी प्रभारी द्वारा उक्त मामले में खुद को असमर्थ बताते हुए मौके पर डीएम. एसपी. को बुलाने की बात तक कही गयी थी । इसके बाद एक स्थानीय नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना को वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया, जिसपर त्वरित कार्यवाही हुई और चीता पुलिस ने मौके पर जाकर कार्य रोकवाया । जबकि इसी कार्य के लिए चौकी प्रभारी डीएम. एस. पी. को मौके पर बुलाने की बात कहकर मामले को टालने में लगे थे ।
उक्त मामले में कार्य कराने वाले व्यक्ति द्वारा बड़ी चूक कर दी गयी है और चूंकि मजदूर और मिस्त्री को कहीं बाहर से बुलाकर कार्य कराये जाने की बात सामने आ रही है , ऐसे में उन्हें प्रशासन की जानकारी में (नाम पता सहित) रखा जाना और जांच कराया जाना नितान्त आवश्यक है । जिससे कोरोना से लड़ाई में लाॅक डाउन की सार्थकता सिद्ध हो सके ।