बस्ती । देश में कोरोना संक्रमण के दौरान मरकजी घटना से संक्रमण की बढी घटनाओं को देखते हुए ऐसे लोगों के लिए कठोर दण्ड के प्राविधान आवश्यक है किन्तु कुछ जाहिलों की वजह से समाज में कटुता नहीं बढनी चाहिए अपितु हमें आपसी प्रेम सद्भाव व समरसता बनाये रखना होगा क्योंकि जिस तरह हर वनवासी राम व हर सन्यासी निष्काम नहीं हो सकता उसी तरह हर मुसलमान शैतान व हर गैर मुसलमान इंसान नहीं हो सकता समाज में न ही मारीच व कालनेमि जैसे लोगों की कमी है न ही विभीषण प्रहलाद व सुषैन की अतः हमें अपने मनीषियों व अपने आराध्य प्रभू राम व कृष्ण के दिखाये मार्ग वसुधैव कुटुम्बकम के रास्ते पर चलते हुए जाति धर्म से परे मानव सेवा को अपनाते हुए कट्टरता से परे समरसता को बढावा देना चाहिए आज जहां कुछ शरारती मुसलमानों की वजह से पूरे समुदाय को शक की नजर से देखा जा रहा है वहीं परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद व पूर्व राष्ट्रपति डा.अब्दुल कलाम की ही भांति जाने कितने मुसलमान हिन्दुस्तान की हिफाजत हेतु अपना सबकुछ यहां तक की जान भी न्यौछावर करने को तैयार हैं व जाने कितने वतन के गद्दार बैठे हैं जिन्हे निज स्वार्थ ने अंधा बना रखा है ऐसे ही एक मनवसेवा व राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत देश की शान हैं देश की पहली व प्रख्यात दवा कम्पनी CIPLA के मालिक यूसुफ हमीद जो कि अब बनाएंगे Covid-19 की दवा तथा टेस्टिंग किट फ्री देंगें
ग्यात हो कि चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस की चपेट में दुनिया भर के लाखों लोग आ चुके हैं। वही भारत में भी हर दिन इस जानलेवा वायरस से संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। दिसंबर 2019में कोरोना वायरस का मामला दुनिया के सामने आया और अब तक इससे 12 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, व 2.75 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में रिसर्च हो रहे हैं। अमेरिका में तो इसके टीके का मानव शरीर पर परीक्षण भी किया जा चुका है।वहीं दूसरी ओर भारत, चीन और थाइलैंड समेत कई देशों ने इसके स्ट्रेन अलग करने में कामयाबी पा ली है, जिससे कोरोना की वैक्सीन या दवा बनाने में मदद मिलने की उम्मीद बढी है।इस बीच इस भारतीय दवा कंपनी ने छह महीने के अंदर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ लेने का दावा किया है। खासकर सांस और फ्लू जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवाएं बनाने वाली दिग्गज कंपनी सिप्ला(Cipla) के मालिक यूसुफ हमीद ने यह दावा किया है कि 6माह के अन्दर इसकी दवा तैयार कर ली जायेगी कोरोना जांच के लिए भारतीय फार्मा कंपनी सिप्ला के दावे ने उम्मीद जगा दी है।टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में बताया है कि सिप्ला का दावा है कि वह महज 6 महीने के अंदर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ लेगी निश्चित तौर पर कंपनी अगर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में सफल होती है तो वह ऐसा करने वाली दुनिया की पहली भारतीय कंपनी होगी और यह देश के लिए भी बड़ी कामयाबी होगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह कंपनी सरकारी लैब के साथ मिलकर कोरोना वायरस की दवा विकसित करने में जुटी हुई है।कंपनी के प्रमोटर यूसुफ हामिद ने कहा कि हम अपने सभी संसाधनों को देश के फायदे के लिए लगाना राष्ट्रीय कर्तव्य मानते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी इन दवाओं का दोगुना उत्पादन कर रही है।अगर भारतीय चिकित्सा फैटरनिटी निर्णय करता है तो कंपनी के पास और भी दवाएं हैं, जिसका इस्तेमाल फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याओं के इलाज में किया जा सकता है।
आज़ादी से पहले की भारत की एक ऐसी pharma company की शुरूआत 31st अक्टूबर 1898 में जन्में Dr. ख्वाजा अब्दुल हमीद ने 1935 में की जिसे नाम दिया गया “Chemical Industrial and Pharmaceutical Laboratory with the Acronym – CIPLA” वह भी शुरूआती २ लाख की रक़म के साथ शुरू हुई Cipla ने द्वितीय विश्व युद्ध में अच्छी और बड़ी विदेशी MNC कम्पनियों को टक्कर देते हुए इन कम्पनियों की दवाओं से बेहतर और सस्ती दवाए बना कर उपल्बध किया। इसी के साथ CIPLA ने उस समय दो बहुत महत्वपूर्ण खोज पूर्ण की जिसमें पहली थी :-
“Nicatinic Acid Dieththylamide जिसका जैविक नाम Coramine है के संश्लेषण का विकल्प ढूंढ निकाला जिसका प्रयोग cardio-respiratory stimulant (हृदय सांस उत्तेजक) के तौर पर किया जाता है।और दूसरी उपलब्धी थी व्यापारीकरण serpenid का जो rauwolfia serpentine नमक वनस्पति का मूल तत्व है। यह एलोपैथी इलाज में पहला हर्बल उपाय था जिसको उच्च रक्तचाप के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। CIPLA को विश्व pharmaceutical समाज में प्रसिद्ध कर दिया। 1944 के बाद company ने कभी पीछे मुड कर नहीं देखा।डॉ ख्वाजा अब्दुल हमीद के बड़े बेटे युसूफ हमीद जो Organic chemistry में PhD हैं ने 1960 में company का दारोमदार संभाला। युसूफ हमीद ने research & development डिपार्टमेंट में अफसर इन चार्ज के तौर पर कंपनी ज्वाइन की। युसूफ हमीद ने अपना ज़्यादातर समय AIDS ,क्षय रोग और श्वास रोग की दवा बनाने में लगाया लगाया है।इन्हे अपनी ही कंपनी में काम करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी। कंपनी join करने से पहले उन्हे सरकार से इसकी इजाज़त लेनी पड़ी ।
उन्हे शुरूवाती समय में 1500 रुपए पर काम शुरू किया उनको पहली सैलरी एक साल के बाद मिली थी।
उन्होने भारतीय पेटेंट कानून में बदलाव करने की शुरूआत की और इसके अंतर्गत उन्होंने 1961 में Indian Drug Manufactures Association का गठन किया और 1972 में यह प्रयास सफल हुआ और भारतीय pharma उद्योग को कानूनन आज़ादी दवा बनाने व बेचने के लिए मिल गई युसूफ हमीद की अगवाई में ही CIPLA को आज “Humanitarion Pharmaceutical Company ” के नाम से भी जाना जाने लगा क्योंकि वे सदा कहते हैं के उन्हे “(उन रोगों से पैसे नहीं बनाने जिन से दुनिया उखड़ जाती है) does not want to make money from diseases that crumble the world “.आज CIPLA भारत की Multinational Pharmaceutical एंड Biotechnology Company है और दुनिया के करीब 170 देशों में अपनी दवा बेचने के लिए तत्पर हैं।
1-आज CIPLA, US और Europe के बाहर पहली कंपनी है जिसने CFC – free inhalers शुरू किए।
2-एक ऐसे तकनीक का प्रारंभ किया जिसमें बिना हाथ लगाए , बिना दर्द के ,बिना किसी हानिकारक किरणों के इस्तेमाल से भी वक्ष की जांच हो सकती है जिससे वक्ष के कैंसर का पता लगाया जा सकता है इसे No Touch Breast Scan (NTBC) कहते हैं।
3-2009 में CIPLA ने anti -flu drugs (Oseltamivir और Zanamivir ) का generic version बनाया H1N1 influenza के इलाज के लिए भारतीय बाजार के लिए।
आज CIPLA का नाम देश और दुनिया में छा गया है। आज़ादी के पहले से आज आज़ादी के बाद तक भी CIPLA देश को बीमारियों से आज़ाद करने की अपनी मुहिम को जी जान से मुकम्मल करने में लगी है। CIPLA के मालिक यूसुफ हमीद जिन्होंने CSIR-IICT के साथ मिलकर COVID-19 की टेस्टिंग किट बग़ैर मुनाफ़े के मुल्क़ को देने का फ़ैसला किया है। सिप्ला ने सीएसआईआर-आईआईसीटी के साथ मिलकर कोविद -19 के इलाज के लिए एंटी-वायरल गुणों वाले तीन रासायनिक यौगिकों का निर्माण करने के लिए आगे आई है। इसने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी से सक्रिय फार्मा अवयवों (एपीआई) को बनाने के लिए मदद मांगी है हामिद ने रासायनिक यौगिक – फ़ेविपिरवीर, रेमेडिसवयह फार्मा प्रमुख को परीक्षणों के अगले चरण को शुरू करने में सक्षम करेगा, नियामक प्राधिकारी अनुमोदन और बाद में बड़े पैमाने पर एंटी-वायरल दवाओं का उत्पादन करेगा।
हम गर्व महसूस करते हैं आज डा.ख्वाजा अब्दुल हमीद और डा.युसुफ हमीद जैसे हर भारतीयों पर और CIPLA जैसी संस्था पर और कह सकते हैं दोषी से नफरत करो उसके परिवार या समाज से नहीं आतातायी रावण के दरबार में भी विभीषण जैसे ज्ञानी व सुसैन जैसे वैद पाये जाते है हम कोरोना से लडे उसके नाम पर राजनीति के चक्कर में मानवता से न लडें क्योंकि मानवता के अभाव में मनुष्य हिन्दू या मुसलमान के रूप में इंसान नहीं शैतान है हमें मानव रक्षा के साथ मानवता की भी सुरक्षा हेतु सजग रहना है