नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 308000 के पार जा चुकी है वहीं, 13 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। इमने सबसे ज्यादा मौत के मामले इटली, चीन और ईरान से सामने आ रहे हैं। हालांकि चीन में अब कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आ रहा है जिससे ऐसा माना जा रहा है कि चीन सरकार ने वायरस पर काबू पा लिया है। लेकिन इसके उलट अब विश्व के अन्य देश इस वायरस के प्रकोप को झेल रहे हैं। भारत सहित दुनियाभर के देशों में करोड़ों लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं।
इटली को इस महामारी ने बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है, यहां 4 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं और लोग कई हफ्तों से अपने घरों में कैद हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के करीब 35 देश लॉकडाउन है जिस वजह से वहां जनजीवन, यात्रा और कारोबार प्रभावित हो रहा है। दूसरी ओर आर्थिक मंदी से बचने के लिए सरकारें आपातकालीन उपायों में अरब डॉलर खर्च कर रही हैं और अपनी सीमाएं बंद करने को लेकर जद्देजहद कर रही हैं। भारत में भी कोरोना वायरस के मामलों में तेजी होने के बाद कई राज्यों को लॉकडाउन कर दिया गया है।
फैशन के मशहूर ब्रांड जॉजियो अरमानी का शहर इटली वर्ल्ड वॉर टू के बाद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। शनिवार को यहां पर कोरोना वायरस की वजह से 24 घंटे में 727 लोगों मौत हो गई और इसके साथ इस महामारी की वजह से यूरोप के खूबसूरत देश में मरने वालों का आंकड़ा 4800 को पार कर गया। चीन से निकले जानलेवा वायरस का केंद्र इटली बन चुका है। इटली में कोरोना वायरस का पहला केस 31 जनवरी को सामने आया था। 21 जनवरी को चीनी अधिकारियों की तरफ से वॉर्निंग दी गई थी कि कोरोना वायरस के लिए 10 दिन किसी वरदान से कम नहीं हैं।
अमेरिका में रैपिड कोरोना वायरस टेस्ट को मिली मंजूरी
अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने कोरोना वायरस के पहले रैपिड टेस्ट को मंजूरी दे दी है। जिसमें महज 45 मिनट का ही समय लगेगा। इस बात की जानकारी कैलिफोर्निया स्थित मॉलिक्यूलर डायगनॉस्टिक कंपनी सिफाइड ने दी है। ये वही कंपनी है, जो इस टेस्ट की डेवलेपर है। सिफाइड ने एक बयान जारी कर कहा कि उसे आपातकालीन समय में एफडीए से टेस्ट को लेकर मंजूरी मिल गई है। जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से अस्पतालों में और इमरजेंसी रूम्स में किया जाएगा। कंपनी की योजना अगले हफ्ते से इसे अस्पतालों में भेजने की है।
कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है। वहीं 2.5 करोड़ लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि कोरोनो वायरस के कारण दुनियाभर में 25 मिलियन नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि दुनियाभर के लोगों पर अब नौकरी जाने का खतरा मंडराने लगा है। आईएलओ की रिपोर्ट के मुताबिक अर्थव्यवस्था संकट में आ गई है। लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है। अगर सरकार ने सही वक्त पर उचित कदम नहीं उठाए तो मुश्किल बढ़ जाएगी। बड़ी संख्या में बेरोगजारी का संकट बढ़ जाएगा।