(दीपक कौल) चीन के बुहान से फैला कोरोना वायरस अब तक भारत सहित लगभग 90 देशो मे अपना पँ|व पसार चुका है | यू कह सकते है कि दुनिया भर मे मुसीबत बना हुआ है | केवल बचाव ही इसका इलाज है ,बाकी कोई स्पेशल एन्टी डोज (मेडिसिन)अब तक नही बनाया जा सका है | अब ,इसमे चीन के वैग्यानिको की टीम ने कामयाबी हासिल करने की दिशा मे तेजी से कदम बढ़| दिये है |
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक ,दछिण चीन के शेन जेन रिसर्चरो की एक टीम ने ऐसी पहली तस्वीर जारी की है कि नया कोरोना वायरस "असल मे दिखता " कैसे है ?
इस तस्वीर को फ्रोजेन इलेक्ट्रान माइक्रोसोप ऐनालिसिस टेक्नालाजी की मदद से कैद किया गया है | इस तकनीक के जरिये वायरस को निष्क्रिय करके उसकी तस्वीर ली गयी | इसी तरह वायरस के जैविक नमूने को सुरछित किया गया ,जिससे पता चलता है कि जब यह वायरस जिन्दा था किस स्थिति मे और कैसा था ? यह सबसे विश्वसनीय रिजल्ट है |
रिसर्च टीम के मेम्बर और असोसियेट प्रोफेसर "लिउ
चिअं|ग " ने बताया कि "वायरस की जिस संरचना को हमने देखा है ,वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा जिन्दा होने पर वायरस होता है"|
टीम ने इसके साथ -साथ वायरस से संक्रमित होने वाली कोशिका
की स्थिति को भी तस्वीरो मे कैद करने मे कामयाबी हासिल की है | इस अहम कामयाबी को शेनजेन नेशनल क्लिनिकल मेडिकल रिसर्च सेन्टर और सदर्न यूनिवर्सिटी आफ साइन्स ऐन्ड टेक्नालॅ|जी की संयुकत टीम ने हासिल किया है |
इससे वायरस की फहचान ,उसके विश्लेषण और जरूरी क्निकल रिसराच का महत्वपूर्ण रास्ता साफ हो सकता है | टीम ने बताया कि तस्वीरो का हमारे लिये वैग्यानिक महत्व है | रिसर्च टीम ने आगे बताया कि "27 जनवरी को एक मरीज के भीतर से कोरोना वायरस को अलग किया ,और फिर तकनीक के जरिये बहुत ही तेजी से जीनोम सिक्वेन्सिग और उसकी पहचान के काम को पूरा किया "| बाद मे समूचा अध्ययन गुरुवार को bioRxiv मे प्रिन्ट से पहले आनलाइन प्रकाशित हुई |
रिसर्चरो की इस कामयाबी के बाद अब कोरोना वायरस के मरीजो के लिये निकट भविष्य मे मुक्कमल दवाओ के मिलने का रास्ता मिलता दिख रहा है , जो दुनिया के लिये बड़ी राहत भरी बात होगी | पर,जब तक रिसर्चरो को पूर्ण कामयाबी नही मिलती, बचाव को सबसे बड़| हथियार बनाकर कोरोना रुपी "दुश्मन वायरस"से हमे लड़ते रहना है ....!!
-दीपक कौल