रिलेशनशिप । एक वक्त वो भी था जब माता पिता और घर के बड़े बुजुर्ग रिश्ता तय किया करते थे। उस जमाने में शादी के दिन ही लड़के और लड़की को एक दूसरे की पहली झलक मिलती थी। अब समय बदल चुका है। अब युवा खुद फैसला लेते हैं की वो किसके साथ अपना जीवन बिताना पसंद करेंगे। शुरुआत में हुई दोस्ती प्यार में तब्दील हो जाती है और जब उनका साथ बहाने लगता है तो बात शादी विवाह तक भी पहुंच जाती है। कई बार अलग राज्य, संस्कृति और सभ्यता को मानने वाले व्यक्ति को चुनते हैं। दोनों परिवारों को शादी के लिए राजी करने के बाद दबाव लड़के और लड़की पर भी आता है कि क्या वो इस रिश्ते को निभा पाएंगे। जानते हैं कि लव मैरिज करने वाले कपल्स को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और वो इससे कैसे निपट सकते हैं। अलग अलग परंपरा और संस्कृति अगर शादी में लड़का और लड़की की जाति भिन्न है और साथ ही दोनों अलग अलग राज्य में रहने वाले हो तो वहां थोड़ी अड़चनें आ जाती हैं। ऐसे में आप दोनों को एक दूसरे के साथ उनके परिवार को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। विवाह के बाद आप दोनों की एक छोटी सी नई दुनिया बस्ती है लेकिन आपको अपने इस संसार में परिवार के अन्य सदस्यों का भी ध्यान रखना होगा। इससे नई भाषा और संस्कृति को जानने समझने का अच्छा अवसर मिल सकेगा। धैर्य है जरुरी अलग अलग माहौल में पले बढ़े लोग जब साथ में जीवन का सफर तय करने का फैसला लेते हैं तब उन्हें इस राह में कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। रिलेशनशिप और शादीशुदा जीवन में काफी अंतर् होता है। आपको हर कदम पर नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने के साथ ही धैर्य बनाए रखने की भी जरुरत है। समय के साथ स्थिति में सुधार आने लगता है। एडजस्ट करना सीखें चाहे अरेंज मैरिज हो या प्रेम विवाह, शादी के बंधन में कई तरह के समझौते करने पड़ते हैं। एक व्यक्ति के साथ जीवनभर साथ रहने का फैसला करना एक सबसे बड़ा समझौता है और आपको इसका सम्मान करना चाहिए। किसी भी तरह की कठिन परिस्थिति आने पर एक बार ये जरूर याद कर लें कि आखिर आपने साथ आने का निर्णय क्यों लिया था। इस तरह आप अपने वैवाहिक जीवन में खुश रह सकेंगे और एक दूसरे के साथ का आनंद ले पाएंगे। एक दूसरे की संस्कृति को समझें अलग अलग राज्य में पलने बढ़ने से दोनों की संस्कृति में भिन्नता होती है। अगर ऐसे पार्टनर से आपका विवाह हुआ है तो उनकी संस्कृति को भी समझने की कोशिश करें। जब हिंदुस्तान के अलग अलग जाति, धर्म और संस्कृति के मानने वाले लोग एक दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान दिखा सकते हैं तो आप अपने पार्टनर के लिए उनकी संस्कृति को जानने की कोशिश तो कर ही सकते हैं। अपने रीति रिवाजों को न करें नजरअंदाज पार्टनर और परिवार की ख़ुशी के लिए उनके परंपरा और रीति रिवाजों का अपनाना ठीक है लेकिन अपनी जड़ों से दूर नहीं जाना चाहिए। लड़कियां खासतौर से विवाह के बाद अपने पति और उनके घर की संस्कृति को ही पूरी तरह से अपना लेती है मगर आप इस बीच अपने घर परिवार को न भूलें। शादी विवाह सिर्फ दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों और संस्कृति को एक करता है। समाज की बातों का न दें ध्यान समाज में आज भी प्रेम विवाह को लेकर लोगों की मानसिकता अच्छी नहीं है। शादी के बाद भी आपके परिवार या जान पहचान के ऐसे लोग मिल सकते हैं जो आपके प्रेम विवाह के फैसले पर सवाल उठाएं। ऐसे लोगों को नजरअंदाज कर देने में ही आपकी भलाई है।
-मिताली जैन