बस्ती। भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण अब तक सुरक्षित पूर्वान्चल में भी दस्तक दे सकती है। ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि 31 मार्च महाराष्ट्र समेत कई बड़े शहरों में लॉक डाउन की स्थिति में पूर्वान्चल के मजदूरी कर रहे वाशिंदे अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।
बड़ा सवाल यह है कि अगर महाराष्ट्र से पूर्वान्चल लौट रहे पैसेंजर में से अगर एक- दो फीसदी भी कोरोना वायरस के संक्रमित हुए तो ट्रेन में सहयात्री पैसेंजरों के साथ-साथ उनके गृहनगर में भी कोरोना वायरस आसानी से पहुंच सकते हैं। इसकी तस्दीक रेल मंत्रालय की है। गत 13 मार्च को दिल्ली से रामागुंडम जाने वाली आंध्र प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से यात्रा करने वाले 8 यात्रियों को कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है।
अगर ऐसा हुआ तो भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में और वृद्धि होना स्वाभाविक है। फिलहाल, भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 296 में पहुंच चुकी है, जिनमें से 4 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि अपुष्टि खबरों के मुताबिक भारत में संक्रमितों की संख्या 300 पहुंच चुकी हैं, इनमें तेलंगाना में मिले 2 नए मामले शामिल हैं।
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र के चार बड़े शहरों को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया है। इनमें मुंबई, पुणे, पिंपरी चिंचवाड़ और नागपुर शामिल हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार मुंबई, जिसमें मुंबई शहर, मुंबई उपनगर और ठाणे जिला शामिल हैं, उनमें 1 करोड़ से अधिक पूर्वान्चल बिहार, झारखंड और बंगाल से आए प्रवासी रहते हैं, जिनमें से 30 फीसदी प्रवासी मुंबई के विभिन्न उपनगरों में आजीविका कमाते हैं।
चूंकि महाराष्ट्र में दुकानों और विभिन्न संस्थानों 31 मार्च तक बंद करने के दिशा-निर्देश हैं तो अब वहां काम करने रहे यूपी, बिहार, बंगाल और झारखंड के प्रवासी वापस अपने घरों की ओर लौट रहे हैं, जिससे उल्लेखित चारो राज्यों में शामिल पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में कोरोना का खतरा जहां बढ़ेंगा, वहीं अब तक कोरोना वायरस से सुरक्षित पूर्वान्चल बिहार और झारखंड में कोरोना के संक्रमित मरीज मिलने का खतरा बढ़ सकता है।
गौरतलब है भारत सरकार की वेबसाइट covidout.in के अनुसार शनिवार 21 मार्च 2020 दोपहर 3 बजे तक देश में कोरोना वायरस (COVID-19) कुल 321 मामलों की पुष्टि हुई है। संक्रमित लोगों में से 294 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं जबकि 23 लोग ठीक हो गए हैं। भारत में संक्रमित मरीजों के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं, जहां कुल 64 लोगों कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और वहां एक मरीज की मौत भी हुई है।
जबकि तेलंगाना, कर्नाटक और हरियाणा में क्रमवार 21, 19 और 18 संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं, गुजरात में 14 मरीज, लद्दाख और पंजाब में 13-13, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 4-4, प. बंगाल, उत्तराखंड, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 3-3 मरीज पाए गए हैं और उड़ीसा और हिमाचल प्रदेश में 2-2 मरीज संक्रमित हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ में 1 मरीज संक्रमित मिला है।
महाराष्ट्र बंद होने की वजह से 20 मार्च को महाराष्ट्र के रेलवे स्टेशनों पर भीड़ उमड़ गई थी। खतरा इसने भी बढ़ा दिया है। दरअसल, हेल्थ मिनिस्ट्री बार-बार दूरी बनाकर रहने को कह रही है, इससे ही संक्रमण से बचा जा सकता है। लेकिन रेलवे स्टेशनों पर खचाखच भीड़ रही। इस वायरस के लक्षण कई केसों में बाद में दिखे हैं, ऐसे में अगर वहां किसी को संक्रमण हुआ तो उससे फैलने के चांस बहुत ज्यादा है। फिर जब वह शख्स यूपी-बिहार में अपने घर जाएगा तो हालात बिगड़ सकते हैं।
कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार ने एन95 सहित मास्क और हैंड सैनेटाइजर्स को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में ला दिया है. ये सामग्री जून मध्य तक आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रहेंगी. इसका उद्देश्य इनका उचित मूल्य बरकरार रहना और कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वालों पर कार्रवाई करना है.