बस्ती । राम रहमान साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थान द्वारा प्रेस क्लब में कवि सम्मेलन, मुशायरे का आयोजन कर प्रसिद्ध कवि अष्टभुजा शुक्ल, रहीम रसखान परम्परा के वाहिद अली वाहिद, एन.एन. श्रीवास्तव ‘बेचैन’ सहित 10 विभूतियों को संयोजक रहमान अली रहमान के संयोजन में सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि अष्टभुजा शुक्ल ने कहा कि कवि, साहित्यकारों ने सदैव कौमी एकता पर जोर दिया। कवि, साहित्यकार, आजादी के आन्दोलन से लेकर देश के नव निर्माण तक अपनी भूमिका का जिम्मेदारी से निर्वहन कर रहे हैं।
अध्यक्षता करते हुये भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्रनाथ तिवारी ने कहा कि समाज, देश परस्पर समन्वय से चलेगा। साहित्यकार संकट के समय में भी हमारा पथ प्रदर्शन करते हैं।
वरिष्ठ कवि डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ के संचालन में कवि सम्मेलन, मुशायरे की शुरूआत वाहिद अली वाहिद की सरस्वती वंदना और एन.एन. श्रीवास्तव ‘बेचैन’ के नाते पाक से हुई। वाहिद अली वाहिद की रचना ‘ वे दाढी चोटी की बात करते हैं, हम लंगोटी की बात करते हैं, वे नराधम हैं, लाश खाते हैं, आप रोटी की बात करते हैं’ को खूब वाहवाही मिली। डा. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी के शेर ‘ मौज आयी हवा में तितलियों के पर टूटे, चांद खुश था, सितारे ही रात भर टूटे, बड़ो के नाम पर अपना ही बढाया रूतबा, गर एक पार्क बना तो हजारों घर टूटे’ को श्रोताओं ने सराहा। मशहूर शायर ताजीर बस्तवी के शेर ‘ इनसे हमारे शहर में बेहतर कोई न हो, बौनों की आरजू है कदावर कोई न हो’ ने सोचने पर मजबूर किया। विनोद कुमार हर्षित ने कुछ यूं कहा- नयन से नयन का मिलन हो रहा है, नये प्यार का फिर सृजन हो रहा है’। हरीश दरवेश की रचना ‘ कल्पना में पल रहा है आदमी, स्वयं को ही छल रहा है आदमी’ ने सोचने पर बाध्य किया। डा. रामकृष्ण लाल जगमग की रचना- नदी सिंधु से मिल मगन हो रही है, तुम्हें देखकर क्यों जलन हो रही है, को सराहा गया। संयोजक रहमान अली रहमान की रचना ‘ काम अच्छा बुरा जो भी चल जायेगा, हल उसी से हमारा निकल जायेगा, बेवजह बैठने से है क्या फायदा, देखते देखते दिन ये ढल जायेगा’ सुनाकर वाहवाही लूटी। डा. वी.केे. वर्मा ने यूं कहा- आया होली का त्यौहार, वर्मा करो परस्पर प्यार, वर्मा फिर से गले लगा लो, दुश्मन यदि आ जाये द्वार’ के द्वारा सौहार्द का संदेश दिया।
कवि सम्मेलन मुशायरे मेंरामचन्द्र राजा, जगदम्बा प्रसाद भावुक, डा. अफजल हुसेन अफजल, अजमत अली सिद्दीकी, शाहिद वस्तवी, कलीम वस्तवी, के.पी. पाण्डेय, सागर गोरखपुरी, पंकज सोनी, आदि की रचनायें सराही गई।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, राना दिनेश प्रताप सिंह, रमेश कुमार सर्राफ, राजाराम तिवारी, सिकन्दर शाह, मो0 इद्रीस, रामराज सिंह, प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, कमलेन्द्र पटेल, चन्द्रबली मिश्र, कैलाश नाथ दूबे, सन्तोष सिंह, जे.पी. तिवारी, सन्तोष कुमार श्रीवास्तव, अखिलेश दूबे, श्याम प्रकाश शर्मा, डा. रामेन्द्र चतुर्वेदी, अश्विनी कुमार सिंह, सलीम अहमद, राम सुरेमन यादव डा. डी.के. गुप्ता, डा. एम.के. सिन्हा, डा. मो. अनीस, जगराम चौधरी, राधेरमण यादव, त्रिलोकीनाथ यादव के साथ ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
कवि सम्मेलन मुशायरे में सम्मानित हुई विभूतियां वे दाढी, चोटी की बात करते हैं, हम लंगोटी की बात करते हैं
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March 02, 2020
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