फिल्म ‘थप्पड़’ की सोच और उसकी कहानी बॉलीवुड को एक अलग स्तर पर ले जा सकती है। इस फिल्म को देख कर आप फिल्मी दुनिया में नहीं बल्कि हकीकत की दुनिया में चले जाओगे। कहते है असली सिमेना वो हो जो अपके दिल पर नहीं बल्कि आपके दिमाग पर असर असर डाले।
सिनेमा जगत । वैसे तो बॉलीवुड का धंधा पुराने गानो का रीमेक बना कर और अच्छी फिल्मों का सीक्वल बनाकर चल रहा है। अपनी बॉलीवुड की परम्परा को करण जौहर स्टूडेंट ऑफ द ईयर बना-बना कर आगे बढ़ा रहे हैं और बीच-बीच में अपने नाम पर 'कलंक' भी लगवा रहे हैं। बॉलीवुड फिल्मों का नास पीटने में करण जौहर और साजिद नाडियाडवाला जैसे निर्देशकों का सबसे बड़ा हाथ है। इन्ही लोगों के कारण बॉलीवुड का स्तर पिछले कुछ दिनों मे काफी घटा है। बॉलीवुड इस समय बहुत ही दयनीय स्थिति में आ गया है। ऐसे में कुछ निर्देशक है जिन्होंने अपने उपर बॉलीवुड को बचाने का भार उठाया है। भार उठाने वाली फौज में कोई बड़ा नाम तो नहीं है लेकिन कुछ नयी सोच वाले निर्देशक है जो कुछ अनुभवी निर्देशकों के साथ मिल कर बॉलीवुड को बचा रहे हैं। ऐसे में एक निर्देशक है अनुभव सिन्हा, जिनकी सोच और उनके टैलेंट को उनकी फिल्मों में देखा जा सकता है। इस हफ्ते सिमेनाघर में अनुभव सिन्हा के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘थप्पड़’ रिलीज हुई है। फिल्म में लीड रोल में तापसी पन्नू हैं। जिन्होंने अपने किरदार को केवल निभाया ही नहीं बल्कि जिया है।
फिल्म ‘थप्पड़’ की सोच और उसकी कहानी बॉलीवुड को एक अलग स्तर पर ले जा सकती है। इस फिल्म को देख कर आप फिल्मी दुनिया में नहीं बल्कि हकीकत की दुनिया में चले जाओगे। कहते है असली सिमेना वो हो जो अपके दिल पर नहीं बल्कि आपके दिमाग पर असर असर डाले। फिल्म थप्पड़ में ये काबिलियत है। एक असरदार फिल्म देखना चाहते हैं तो फिल्म ‘थप्पड़’ को बिलकुल मिस न करे।
फिल्म की कहानी
बस एक थप्पड़ ही तो था, क्या करूं? हो गया ना... आखिर एक पति का हाथ क्यों अपनी पत्नी पर उठ जाता है? थप्पड़ मारने की हिम्मत कहां से आ जाती है। फिल्म इसी 'क्यों' का जवाब तलाशती है। फिल्म का ये डायलॉग ही फिल्म की नीव है। फिल्म ‘थप्पड़’ के पहले हाफ में दिखाया गया है कि कैसे एक पत्नी अपने पति को अपनी लाइफ समर्पित कर देती है उसकी खुशियों के लिए। पहले हाफ में दोनों के प्यार को दिखाया गया है। एक परिवार में एक औरत कैसे अपना सब कुछ झौंक देती है। दूसरे हाफ दिखाया गया है कि कैसे एक थप्पड़ तापसी के सारे सपनों को चकनाचूर कर देता है।
फिल्म में एक साथ पांच तरह की औरतों की जिंदगी पर फोकस किया गया है। इनमें सें पहली है तापसी पन्नू की घर की मेड दूसरी तापसी की मां, तीसरी तापसी की सास, चौथी तापसी की होने वाली भाभी और पांचवी तापसी की वकील। पूरी कहानी इन्हीं लोगों के इर्दगिर्द घूमती है।
फिल्म का एंड क्या होगा। ये अंदाजा ट्रेलर देखकर कतई नहीं लगाया जा सकता। अनुभव सिंहा ने अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए फिल्म का एक दमदार एंड बनाया है। जिसकी कल्पना हम घर बैठे नहीं लगा सकते। तापसी पन्नू ने शानदार एक्टिंग की है। वह अपने किरदार में रम गयी हैं। रतना पाठक, कुमुद मिश्रा जैसे दिग्गज कलाकार फिल्म की जान है।
-रेनू तिवारी