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अयोध्या । ऐसा पहली बार हुआ कि जब अयोध्या के राजा और जनप्रिय नेता विमलेंद्र प्रताप मोहन मिश्र को रामलला मंदिर का रिसीवर बनाया गया है। रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्टी बनाए गए विमलेेंद्र मोहन मिश्र को गुरूवार को अयोध्या मंडलायुक्त ने दस्तावेज सौंपा। अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मंडलायुक्त ही रामलला मंदिर का रिसीवर होता था।
गौरतलब है बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट के बारे में घोषणा के 4 घंटे बाद ट्रस्ट से जुड़े 15 सदस्यों के बारे में जानकारी सामने आई। गुरूवार को मंडलायुक्त अयोध्या ने अयोध्या के राजा को रामलाल मंदिर के दस्तावेज सौंप दिए। अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के. पाराशरण के ट्रस्टी का प्रमुख नियुक्त किया है जबकि ट्रस्टी में एक शंकराचार्य समेत 5 सदस्य धर्मगुरु शामिल हैं।
अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्रा के अलावा ट्रस्ट एवं अन्य ट्रस्टियों में अयोध्या के ही होम्योपैथी डॉक्टर अनिल मिश्रा और कलेक्टर को भी शामिल किया गया है। इनमें प्रयागराज के ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज के अलावा निर्मोही अखाड़े को भी जगह दी गई है।
लेकिन अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास को ट्रस्ट की मीटिंग में वोटिंग का अधिकार नहीं होगा। अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम कब शुरू होगा यह अभी तय होना बाकी है, लेकिन शुरू में आए संदर्भों पर भरोसा करें तो आगामी रामनवमी यानी भगवान राम के जन्म के दिन राम मंदिर निर्माण की आधारशिला पर काम शुरू हो सकता है।राम मंदिर विकास और प्रशासन से जुड़े मामलों के चेयरमैन की नियुक्ति ट्रस्टियों का बोर्ड करेगा। उनका हिंदू होना जरूरी है।
जानिए, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट क्यों बनाया गया है?
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनाने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए।
बड़ी पार्किंग, श्रद्धालुओं के लिए सारी सुविधा, सुरक्षा के लिए अलग से जगह, परिक्रमा के लिए सही इंतजाम करने होंगे। श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की सुविधाएं जैसे- अन्नक्षेत्र, किचन, गौशाला, प्रदर्शनी, संग्रहालय और धर्मशाला का इंतजाम करना होगा।
कानूनी रूप से ट्रस्टश्रद्धालुओं की सुविधाओं और मंदिर निर्माण के लिए पैसे और अन्य महत्वपूर्ण चल-अचल संपत्तियों को खरीदने, दान लेने या किसी दूसरे तरीके से इन चीजों को इकठ्ठा करेंगे। उसकी देखरेख का इंतजाम करेंगे।
के पाराशरण ने अयोध्या मामले में 9 साल हिंदू पक्ष की पैरवी की है
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट प्रमुख हैं 92 वर्षीय वकील के.पाराशरण
अयोध्या विवाद मामले में हिंदू पक्ष के वकील रहे के. पाराशरण को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में प्रमुख जगह दी गई है। 92 वर्षीय पाराशरण के दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित आवास को ही ट्रस्ट का रजिस्टर्ड ऑफिस बनाया गया है। पाराशरण के पास वकालत का 60 साल से भी ज्यादा का अनुभव है। वे दो बार देश के अटॉर्नी जनरल रहे। वाजपेयी सरकार में उन्हें पद्म भूषण और मनमोहन सरकार में पद्म विभूषण से नवाजा गया। के पाराशरण ने अयोध्या मामले में 9 साल हिंदू पक्ष की पैरवी की।
रामलला मंदिर का ट्रस्टी नियुक्त गए हैं विमलेंद्र प्रताप मोहन मिश्र
अयोध्या में राजवंश परिवार के मौजूदा राजा के रूप में विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र आज भी अयोध्या के लोगों के बीच राजा साहब के रूप में जाने जाते हैं। विमलेंद्र मिश्र अयोध्या रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी हैं। मोदी सरकार ने उन्हें राम मंदिर का ट्रस्टी नियुक्त किया है। हालांकि अभी तक रामलला मंदिर का रिसीवर अयोध्यता मंडलायुक्त होता था, लेकिन पहली बार अयोध्या के राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा को रिसीवर बनाया गया है।
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी तीसरे ट्रस्टी बनाए गए
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी
वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (प्रयागराज) बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं। हालांकि, इनके शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद भी रहा। ज्योतिष मठ की शंकराचार्य की पदवी को लेकर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने हाईकोर्ट में केस दाखिल किया था।
महाराज को रामलला मंदिर का चौथा ट्रस्टी नियुक्त किया गया है
4- जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज
कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज को रामलला मंदिर का चौथा ट्रस्टी नियुक्त किया गया है। दिसंबर 2019 मेंपेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ केनिधन के बाद पदवी संभाली।
महाराज को रामलला मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का पांचवा ट्र्स्टी बनाया गया है।
5-अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख युगपुरुष परमानंद जी महाराज
अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख युगपुरुष परमानंद जी महाराज को रामलला मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का पांचवा ट्र्स्टी बनाया गया है। अखंड आश्रम हरिद्वार में वेदांत पर 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होंने साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था।
महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं
6-स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज
महाराष्ट्र के अहमदनगर में 1950 में जन्में स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं। स्वामी गोविंद देव महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं।
डा. अनिल मिश्र अभी संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह भी हैं
8- अयोध्या के मशहूर होम्पयोपैथिक चिकित्सक डॉ.अनिल मिश्र
मूलरूप से अंबेडकरनगर निवासी डॉ.अनिल मिश्र एक होम्पयोपैथिक डॉक्टर हैं। वे होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार हैं। मिश्रा ने 1992 में राम मंदिर आंदोलन में पूर्व सांसद विनय कटियार के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अभी संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह भी हैं।
कामेश्वर चौपाल ट्रस्ट में एक मात्र दलित ट्रस्टी बनाए गए हैं।
9- पटना निवासी श्री कामेश्वर चौपाल
पटना निवासी श्री कामेश्वर चौपाल को 9वां ट्रस्टी बनाया गया है। संघ ने कामेश्वर को पहले कारसेवक का दर्जा दिया है। उन्होंने 1989 में राम मंदिर में शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी। राम मंदिर आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका थी। वे दलित समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। 1991 में रामविलास पासवान के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा।
ट्रस्ट की बैठकों में उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होगा
10-महंत दिनेंद्र दास: निर्मोही अखाड़े के अयोध्या प्रमुख
अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के अयोध्या बैठक के प्रमुख महंत दिनेंद्र दास को अयोध्या राममला मंदिर ट्रस्ट की ट्रस्टी बनाया गया है, लेकिन ट्रस्ट की बैठकों में उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होगा।
ट्रस्टी नियुक्त किया गया शख्स एक पदेन सदस्य होगा
11-केंद्र सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा
केंद्र सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा।
नियुक्त किया गया यह ट्रस्टी एक पदेन सदस्य होगा
12-राज्य सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा
राज्य सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति राज्य सरकार के सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा।
कलेक्टर हिंदू धर्म के नहीं हैं, तो एडिशनल कलेक्टर होंगे पदेन सदस्य
12-ट्रस्ट में अयोध्या जिले के कलेक्टर पदेन ट्रस्टी होंगे
अयोध्या जिले के कलेक्टर पदेन ट्रस्टी होंगे।वे हिंदू धर्म को मानने वाले होंगे। अगर किसी कारण से मौजूदा कलेक्टर हिंदू धर्म के नहीं हैं, तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) पदेन सदस्य होंगे। मौजूदा समय में अयोध्या जिले कि जिला कलेक्टर अनुज कुमार झा हैं, जो कि हिंदू हैं।