अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद अयोध्या के संत समाज में इसका विरोध शुरू हो गया है। एक ओर तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास अनशन पर बैठ गए हैं तो वहीं दूसरी ओर महंत नृत्य गोपाल दास ने अपने आवास मणिराम राम दास छावनी में एक आपात बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में अयोध्या के संत आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने आरोप लगाया है कि अयोध्यावासी संत-महंतों का ट्रस्ट के माध्यम से अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया, उनका इस ट्रस्ट में कहीं कोई नामो-निशान तक नहीं है। नृत्य गोपाल दास ने कहा कि जो ट्रस्ट बना है, उसमें अयोध्यावासी संत-महंतों की अवहेलना की गई है।
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बता दें, महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास पहले ही ट्रस्ट के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा था कि इस ट्रस्ट में वैष्णव समाज के संतों का अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के समय ही कानून बना था कि वैष्णव ही राम जन्मभूमि का अध्यक्ष होगा।
उधर, महंत परमहंस दास अपनी मांग को लेकर अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने अन्न व जल त्याग दिया है। परमहंस दास का कहना है कि जबतक संघ प्रमुख को ट्रस्ट का संरक्षक नहीं बनाया जाता है तबतक वह अपना अनशन जारी रखेंगे। परमहंस दास प्रयागराज में माघ माह में संगम स्नान के लिए अयोध्या आए थे, जिसके बाद वह वाराणसी पहुंचे और गंगा स्नान किया। गंगा स्नान के बाद परमहंस दास चंदौली पहुंचे और यहां बिलारीडीह मंदिर पहुंचे। जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली की पीएम मोदी ने मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया है तो परमहंस दास अपनी मांग को लेकर चंदौली में ही अनशन पर बैठ गए।