बस्ती । देश को आजादी दिलाने के लिये सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले महान क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद को उनकी पुण्यतिथि पर गुरूवार को शोसल क्लब अध्यक्ष अनिल कुमार पाण्डेय के संयोजन में कटरा स्थित शिविर कार्यालय पर याद किया गया।
चन्द्रशेखर आजाद को नमन् करते हुये रामानन्द नन्हें ने कहा कि सब जानते हैं कि चन्द्रशेखर आजाद ने अपने खुद को गोली बस इसलिए मारी थी ताकि अंग्रेज उनको जिंदा न पकड़ ले। अंग्रेज हाथ धो कर उनके पीछे पड़े थे, कई कोशिशें कर चुके थे आजाद को पकड़ने के लिए पर सब बेकार। देश को ऐसे महान क्रान्तिकारियों को सदैव स्मरण करना चाहिये। अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जलियांवाला बाग कांड के बाद सारे बड़े क्रांतिकारी विरोध पर उतर आए थे। चंद्रशेखर ऐसे ही किसी प्रोटेस्ट का हिस्सा बने थे, जिसमें अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उस वक्त वो केवल 16 साल के थे। कोर्ट में पेशी हुई. मजिस्ट्रेट ने जब नाम, पता, और बाप का नाम पूछा तो चंद्रशेखर ने जवाब में कहा कि, मेरा नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्र और पता जेल है।
क्लब महामंत्री अमर सोनी ने कहा कि काकोरी कांड के बाद अंग्रेजी पुलिस उनके पीछे पड़ गई थी, वे सांडर्स की हत्या, काकोरी कांड और असेंबली बम धमाके के बाद फरार होकर झांसी आ गए थे। उन्होंने अपनी जिंदगी के 10 साल फरार रहते हुए बिताए. जिसमें ज्यादातर समय झांसी और आसपास के जिलों में ही बीता। उनके बलिदान का ही फल है कि हम आजाद है।
पुण्य तिथि पर चन्द्रशेखर आजाद करने वालों में अखण्ड पाल, रमेश गुप्ता, शिव कुमार, अरविन्द कुमार, दीपक गौड़, उपेन्द्र चौहान के साथ ही सोशल क्लब के अनेक पदाधिकारी शामिल रहे।