नयी दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने समग्र वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर चर्चा की और कहा कि मोदी लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के पैरोकार हैं और चाहते हैं कि लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता हो। इसके साथ ही ट्रंप ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह नागरिकता संशोधन कानून : सीएए : पर कुछ नहीं कहना चाहते हैं। यह भारत को देखना है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत अपने लोगों के लिये सही फैसला करेगा। उनसे सवाल किया गया था कि क्या उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान यहां हो रही हिंसक घटनाओं पर मोदी से चर्चा की? इसी के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उन्होंने ऐसी कोई चर्चा नहीं की। ‘‘यह भारत को देखना है।’’अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने तालिबान के साथ शांति समझौते के मुद्दे पर मोदी के साथ चर्चा की।
भारत, अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते को मूर्त रूप लेते हुए देखना चाहता है।उन्होंने अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर कहा कि हम इसके काफी करीब हैं।राष्ट्रपति ट्रंप ने संवाददाता सम्मेलन में मोदी को एक ‘शानदार’ नेता और भारत को एक ‘‘अद्भुत’ देश बताया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बात की, प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि भारत में लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता मिले। अगर आप पीछे मुड़कर देखें तो पाएंगे कि भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए कड़ी मेहनत की है। ’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत बहुत सारे सैन्य हार्डवेयर खरीद रहा है और ऊर्जा क्षेत्र में भारत-अमेरिकी सहयोग बढ़ रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या रूस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है, ट्रंप ने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने उनके साथ कभी ऐसी कोई सूचना साझा नहीं की।ट्रंप ने कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद पर काबू पाने के बारे में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि जितना मैंने किया उससे ज्यादा किसी ने किया है। ट्रंप ने कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने पर कहा कि रूस, सीरिया और ईरान को ऐसा करना चाहिए।