लखनऊ। विश्व हिंदू महासभा के अध्यक्ष रंजीत बच्चन की हत्या की साजिश का खुलासा हो चुका है। हत्याकांड के पीछे रंजीत की दूसरी पत्नी स्मृति का हाथ था। स्मृति ने रंजीत से लव मैरिज की थी। दोनों एक दूसरे के साथ खुश थे, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि प्यार का यह रिश्ता इतना बिगड़ा और स्मृति रंजीत के खून की प्यासी हो गई।
पुलिस के मुताबिक, साल 2014 में स्मृति ने अपने मृतक पिता की एसयूवी बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन दिया था। इसी विज्ञापन के सिलसिले में रंजीत की स्मृति से पहली बार बात हुई थी। इसके बाद दोनों में बातचीत आगे बढ़ी और रंजीत ने उसके पिता की पेंशन से लेकर पीएफ फंड निकलवाने में मदद की। दोनों में दोस्ती हुई, जो प्यार में बदल गई। 18 जनवरी 2015 में दोनों ने शादी कर ली।
पुलिस के मुताबिक, रंजीत ने कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया की कालिंदी शर्मा से साल 2014 में गोरखपुर के कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माई मंदिर में शादी की थी। कालिंदी को जब रंजीत की दूसरी शादी की जानकारी हुई तो उसने गोरखपुर के महिला थाने में केस दर्ज करवा दिया, जिसपर रंजीत ने अपने प्रभाव व सरकार में रसूख से इस पर अंतिम रिपोर्ट लगवा दी। इसके बाद कालिंदी को बतौर पत्नी रखने को तैयार हो गया।
इधर, स्मृति गर्भवती हुई और तभी उसे रंजीत की पहली शादी के बारे में पता चला। यहीं से दोनों के रिश्तों में खटास आ गई। स्मृति दूरी बनाने लगी और अपने विकासनगर स्थित घर में रहने लगी। रंजीत को यह बात नगवार गुजरी। रंजीत दोनों पत्नियों को एक साथ रखने लगा। स्मृति को धमकी देकर उससे शारीरिक संबंध भी बनाता था। प्रताड़ता से परेशान होकर स्मृति ने शादी के दो साल बाद 2016 में विकासनगर थाने में दहेज प्रताड़ना, मारपीट का केस दर्ज करवाया और अपने विकासनगर में अपने घर आकर रहने लगी।
रंजीत स्मृति के घर पहुंचा और उसे धमकाया और स्कूटी भी जला दी। पुलिस के मुताबिक, इस दौरान रंजीत ने स्मृति के पड़ोस के एक युवक की भी बाइक भी जला दी थी। इस मामले में स्मृति की मां और पड़ोसी युवक ने रंजीत के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। दहेज प्रताड़ना के साथ स्मृति ने तलाक की अर्जी डाली, जिसे सुनवाई पर खारिज कर दिया गया। इसके बाद दोबारा उसने अलग रहने की अर्जी डाली, जिसकी सुनवाई चल रही थी। 10 फरवरी को सुनवाई होने वाली थी।
स्मृति ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि साल 2018 में वह एक बस हादसे में घायल हो गई थी। बस में रोडवेज में तैनात देवेंद्र ने स्मृति को इलाज के लिए भेजा था। देवेंद्र कैंसर से पीड़ित था। स्मृति 2019 में उनके घर रायबरेली मिलने कई बार गई। इस दौरान उसकी दोस्ती देवेंद्र के भाई दीपेंद्र से हो गई, जो बाद में प्यार में बदल गई। स्मृति ने दीपेंद्र से शादी करने का फैसला ले लिया। पत्नी की प्रेम संबंधों की जानकारी मिलने पर रंजीत ने स्मृति को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। स्मृति रंजीत से छुटकारा चाह रही थी और रंजीत उसे तलाक देने को तैयार नहीं था।
इसी बीच रंजीत ने 17 जनवरी 2020 को स्मृति को सिकंदरबाग चौराहे पर मिलने बुलाया और विवाद होने पर उसे थप्पड़ जड़ दिए। स्मृति ने ये बात दीपेंद्र को बताई और तभी से रंजीत की हत्या की साजिश शुरू हो गई। दीपेंद्र ने हत्या की योजना बनाई, अपने चचेरे भाई जितेंद्र और ड्राइवर संजीत को शामिल किया। 2 फरवरी को मॉर्निंग वॉक के दौरान रंजीत की गोली मारकर हत्या कर दी गई।