बस्ती । “मन चंगा तो कठौती में गंगा” का संदेश देने वाले सन्त रविदास को उनकी जयन्ती पर याद किया गया। रविवार को जिला अस्पताल के निकट स्थित संत रविदास की प्रतिमा पर नगरपालिकाध्यक्ष श्रीमती रूपम मिश्रा ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन् करते हुये प्रतिमा के छत का लोकार्पण किया।
सन्त रविदास सेवा संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये रूपम मिश्रा ने कहा कि पालिका की ओर से संत रविदास प्रतिमा पर छत लगाने के साथ ही उसे विकसित कराया गया है। कहा कि संत रविदास जी ईश्वर की भक्ति पर पूर्ण विश्वास करते थे। उनके वाणी की मधुरता और ज्ञान से सभी लोग प्रभावित होते हैं। उनके द्वारा कहे शब्द, दोहे, पद और अनमोल वचन (विचार) आज भी हम सभी को सदैव आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता पुष्कर मिश्र ने कहा कि 14वीं सदी के भक्ति युग में माघी पूर्णिमा के दिन रविवार को काशी के मंडुआडीह गांव में रघु व करमाबाई के पुत्र रूप में जन्मी इस विभूति ने भले ही चर्मकारी के पैतृक व्यवसाय को चुना हो, मगर अपनी रचनाओं से जिस समाज की नींव रखी, वह वाकई अद्भुत है। पेशे से चर्मकार रविदास जी अपने आजीविका को धन कमाने का साधन बनाने की बजाय संत सेवा का माध्यम बना लिया। ऐसे महान संत ने भेदभाव, छूआछूत मिटाने की दिशा में योगदान दिया।
सन्त रविदास सेवा संस्थान अध्यक्ष किशोरीलाल ने आगन्तुकों का स्वागत करते हुये कहा कि आदमी को हमेशा कर्म करते रहना चाहिए, कभी भी कर्म के बदले मिलने वाले फल की आशा नही छोड़नी चाहिए, क्योंकि कर्म करना मनुष्य का धर्म है तो फल पाना हमारा सौभाग्य। संत रविदास के संदेश सदैव प्रासंगिक बने रहेंगे। उन्होने संत रविदास प्रतिमा विकसित करने पर नगर पालिका अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से बलराम यादव, पंकज कुमार, सतीश सोनकर, संजय उपाध्याय, गौरीशंकर, मोल्हू प्रसाद, रघुवीर भारती, परशुराम, ब्रम्हानन्द विश्वकर्मा, रामअवध चौधरी, जितेन्द्र कुमार, बुधई प्रसाद, रामदीन, सुवोध, बनवारीलाल कन्नौजिया, रोहित कुमार, गिरीश चन्द्र, आर.सी. दिनकर, शिवशंकर, उदयराज, पूनम भारती, सुशीला देवी, खुशबू कुमारी, दीपक कुमार, प्रियांशी गौतम आदि शामिल रहे।
“मन चंगा तो कठौती में गंगा” का संदेश देने वाले सन्त रविदास ने छूआछूत मिटाने का संदेश दिया
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February 09, 2020
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