महिला जगत । गर्भधारण से बचने या बच्चों के जन्म के बीच अंतर बनाए रखने के लिए आमतौर पर महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं क्योंकि ये उनके लिए आसान और सुविधाजनक होती हैं शायद इनका सेवन करने वाली महिलाएं यह नहीं जानतीं कि ये पूर्णत: सुरक्षित नहीं हैं तथा इनके साइड इफेक्ट्स भी हैं।
हाल ही में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफेक्ट्स के बारे में चेतावनी दी है। उनके मुताबिक इसके ज्यादा प्रयोग से स्ट्रोक तक का खतरा बढ़ जाता है। यदि महिला पहले से ही स्ट्रोक की शिकार है और वह गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती है तो ये उसके लिए काफी घातक हो सकती हैं।
शिकागो यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता मारिसा मैर्काम्लनी के अनुसार इस तरह की गोलियों के सेवन से ज्यादातर इस्कीमिया के दौरे पड़ते हैं। इसके चलते खून का थक्का बनने की समस्या गहरा जाती है। इसमें सिंथेंटिक एस्ट्रोजन का प्रयोग किया जाता है। वह स्ट्रोक की शिकार महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां न लेने की सलाह देती हैं।
यह जान लेना जरूरी है कि गर्भनिरोधक गोलियां गर्भ को कैसे रोकती हैं? दरअसल ये गर्भाशय के मुखद्वार की बलगम को गाढ़ा करती है ताकि शुक्राणु का प्रवेश कठिन हो जाए। ये गोलियां बीजदानी में अंडा पकने नहीं देतीं। इसके अलावा गर्भाशय की अंदरूनी सतह को मोटा नहीं होने देतीं, ताकि भ्रूण धंस न सके।
गर्भ निरोधक गोलियां लेने से कुछ सामान्य परेशानियां भी हो सकती हैं जैसे एक से दूसरे मासिक धर्म के बीच दाग-धब्बा लगना या खून बहना, मासिक धर्म का रुकना, जी मिचलाना, सिरदर्द, स्तनों में भारीपन आदि।
यदि बहुत ज्यादा सिरदर्द हो, अचानक बिल्कुल दिखना बंद हो जाए या धुंधला दिखाई देने लगे, छाती में तेज दर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, पेट में तेज दर्द या पैरों में अचानक बहुत तेज दर्द हो तो गर्भ निरोधक गोलियां बंद करके डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। वैसे भी इनका पहली बार इस्तेमाल करने से पहले डाक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
-मिताली जैन