सेहत । यह तो हम सभी को पता है कि धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है। इससे दूर रहना या फिर छोड़ देना ही अक्लमंदी है। वहीं कुछ लोग, जो यह सोच बैठे हैं कि स्मोकिंग छोड़ देने के बाद भी फेफड़े खराब ही रहेंगे, कोई फायदा नहीं होगा तो, वह गलत सोच रहे हैं। दरअसल हाल ही में आई एक शोध के अनुसार धूम्रपान छोड़ देने के बाद भी फेफड़ों में कुछ कोशिशकाएं ऐसी होती हैं जो तम्बाकू के बूरे असर को जादुई तौर पर खत्म कर देती हैं। जी हां 'नेचर’ नामक जर्नल में छपी इस शोध के निष्कर्ष आश्चर्यजनक हैं। इसके मुताबिक धूम्रपान छोड़ने के बाद फेफड़ों में कुछ कोशिकाएं ऐसी भी बच जाती हैं, जो नुकसान की पूरी क्षतिपूर्ती कर देती हैं। इसका असर उन मरीजों में भी देखा गया है, जिन्होंने 40 साल तक लगातार स्मोकिंग की थी। जब छोड़ें तभी अच्छा Ads by AdAsia जब कोई स्मोकिंग छोड़ता है, तो फेफड़ों में मौजूद कुछ कोशिकाएं खराब हुई कोशिकाओं की जगह ले लेती हैं। स्मोकिंग छोड़ देने वालों की 40 प्रतिशत कोशिकाएं उन लोगों की तरह होती है जिन्होंने कभी भी स्मोकिंग नहीं की होती है। शोधकर्ता डॉ. पीटर कैम्पबैल कहते हैं कि हम इस शोध के नतीजे के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे। असल में हमारे फेफड़ों में बहुत सी ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो एक जादु की तरह स्मोकिंग से पहुंचे नुकसान की भरपाई कर देती हैं। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन मरीजों ने 40 साल तक स्मोकिंग करने के बाद उसे छोड़ा, उनके फेफड़ों में उन कोशिकाओं का निर्माण हुआ जो तम्बाकू के संपर्क में आने से पूरी तरह से बची हुई थीं। स्मोकिंग छोड़ने के लिए मिला प्रोत्साहन हालांकि शोधकर्ताओं को अभी भी पता लगाने की जरूरत है कि फेफड़ों की कितनी मरम्मत हुई है। शोधकर्ताओं का पूरा फोकस अभी फेफड़ों में ऑक्सीजन पास होने वाले हिस्से की ओर ज्यादा है। यूनाइटेड किंगडम में हर साल करीबन 47,000 केस लंग कैंसर के होते हैं, जिनमें एक तिहाई केस सिर्फ स्मोकिंग की वजह से ही होते हैं। स्टडी में यह भी खुलासा हुआ है कि अगर लोग स्मोकिंग पूरी तरह से छोड़ दें तो फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्मोकिंग बंद हो जाने के बाद कोशिकाएं कैंसर की स्टेज तक नहीं पहुंच पाती हैं। यूके के कैंसर रिसर्च की डॉ. रेचेल ऑरिट कहती हैं कि लोगों को स्मोकिंग न करने के प्रति प्रोत्साहित करने यह सबसे अच्छा तरीका है। अचानक से तम्बाकू का सेवन रोक देने की वजह से आप फेफड़ों को खुद से ठीक होने का फिर से चांस दे रहें।