फाइबर का भरपूर सेवन करके ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद कर सकता है। फाइबर कार्ब पाचन और चीनी अवशोषण धीमा कर देता है। इन कारणों से, यह रक्त शर्करा के स्तर में अधिक क्रमिक वृद्धि को बढ़ावा देता है।
स्वास्थ्य ।शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाना सामान्य नहीं है। शरीर में रक्त शर्करा का स्तर उच्च तब होता है जब आपका शरीर रक्त में शर्करा को कोशिकाओं से प्रभावी ढंग से परिवहन नहीं कर सकता है। इस पर समय रहते ध्यान दिया जाना बेहद आवश्यक है। जब अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो इससे मधुमेह हो सकता है। वैसे तो इस समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह लेकर दवाइयों का सेवन किया जा सकता है। लेकिन आज हम आपको रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के कुछ नेचुरल तरीके बता रहे हैं−
करें एक्सरसाइज
हेल्दी रहने के लिए कसरत करने की सलाह दी जाती है। हालांकि ब्लड शुगर को कम करने में भी एक्सरसाइज काफी कारगर होता है। दरअसल, व्यायाम इंसुलिन सेंसेटिविटी को बढ़ाता है। जिसके कारण आपकी मांसपेशियों को रक्त से शर्करा लेने में मदद करता है। इससे ब्लड शुगर का स्तर कम हो सकता है।
कार्ब इनटेक करें नियंत्रित
कार्ब इनटेक को कम करके ब्लड शुगर को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। कार्ब्स ग्लूकोज में टूट जाते हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने से रक्त शर्करा नियंत्रण में मदद मिल सकती है।
बढ़ाएं फाइबर इनटेक
फाइबर का भरपूर सेवन करके ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद कर सकता है। फाइबर कार्ब पाचन और चीनी अवशोषण धीमा कर देता है। इन कारणों से, यह रक्त शर्करा के स्तर में अधिक क्रमिक वृद्धि को बढ़ावा देता है।
पानी से मिलेगी मदद
पानी शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। हाइड्रेटेड रहने से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है और मधुमेह को रोकने में मदद मिल सकती है। पानी सबसे अच्छा है।
करें तनाव को नियंत्रित
तनाव आपके रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है। तनाव के दौरान ग्लूकागन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन स्रावित होते हैं। इन हार्मोनों के कारण रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए आप तनाव को नियंत्रित करने का प्रयास करें। इसके लिए आप एक्ससाइज व रिलैक्सेशन तकनीक जैसे योगा आदि का सहारा ले सकते हैं।
ब्लड शुगर को करें मॉनिटर
रक्त शर्करा के स्तर को मापने और निगरानी करने से आपको उन्हें नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए, ट्रैक रखने से आपको यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि आपको भोजन या दवाइयों में फेरबदल की जरूरत है या नहीं। इसलिए हर दिन अपने ब्लड शुगर को मॉनिटर करें और एक लॉग तैयार करें।
मिताली जैन