लखनऊ। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 18 फरवरी को पेश किए गए चौथे बजट में योगी सरकार ने युवाओं के लिए कई घोषणाएं की है। सरकार ने बजट में बेरोजगारों को 2,500 रुपए महीना भत्ता देने साथ ही स्वरोजगार और रोजगार से जोड़ने के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाओं- मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्याहन योजना और उद्यमिता विकास अभियान को शुरू करने का निर्णय लिया है। वहीं, बजट को लेकर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनका पहला बजट किसानों का था, दूसरा उद्योगों का, तीसरा महिलाओं का और यह युवाओं का बजट है।
यूपी के हर जिले में युवा हब बनेगा, जो युवाओं को परियोजना, परिकल्पना से लेकर एक वर्ष तक परियोजनाओं को वित्तीय मदद के साथ संचालन में सहायता प्रदान करेगा। एक हजार 200 करोड़ रुपए की धनराशि, जो युवाओं के लिए विभिन्न रोजगार में खर्च होनी है, इसी युवा हब के माध्य से की जाएगी। इस योजना से एक लाख युवाओं को स्वालंबी बनाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने भत्ते की योजना की शुरुआत की है। हर युवा किसी उद्यम से जुडे़गा। 2,500 रुपए हर महीने सरकार द्वारा सहयोगी राशि के रूप में युवा को दी जाएगी। यह राशि तब तक दी जाएगी जब तक कि वह अपनी अप्रेंटिसशिप पूरी नही कर लेता है। राज्य के रोजगार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधान सभा में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी कि तीन सालों में यूपी में बेरोजगारी करीब तीन गुना बढ़ गई है।
15 दिसंबर 2017 को 17,96,808 रजिस्टर्ड बेरोजगार थे जबकि 7 फरवरी 2020 को उनकी तादाद 33,93,530 बताई गई। यानी करीब तीन गुना, वे बेरोजार अलग हैं जो सरकारी रोजगार पोर्टल में अपना नाम रजिस्टर नहीं करते। लेकिन विपक्ष का कहना है कि बेरोजगारों को भत्ते की जगह नौकरी चाहिए जो कि नहीं मिल रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नौजवानों को बहुत उम्मीद थी कि सरकार में काम भी मिलेगा। नौजवानों को न काम मिल रहा है और न नौकरी। न रोजगार मिल रहे हैं।