उन्होने कहा अतिक्रमण दस्ते द्वारा दो दशक बाद हटाये जा रहे दुकानदारों में ठिकाने के तलाश को लेकर हाय तौबा मची हुई है। बस्ती नगर पालिका, सहायक कलेक्टर एसडीएम के साथ भारी संख्या पुलिस जवान के बीच बस्ती नगर पालिका अमला द्वारा कटरा पानी टंकी तिराहा कम्पनी बांग चैकी के सामने बने रसाल पुस्तकालय के पास सडक़ के किनारे वर्षो से दुकान व झोपड़ी लगाकर अपनी जीविका चलाने वाले गरीब लोगों द्वारा किया गया था। बस्ती नगर पालिका अतिक्रमण हटाने के नाम पर पक्षपात इस तरीके से दिखाई पड़ रहा है कि जैसे रोटी छीनने का अभियान चल रहा है।रोडवेज,गांधीनगर म,कंपनी बाग, कटरा चौराहा रौता चौराहा,दक्षिण दरवाजा बस्ती पुलिस चौकी अतिक्रमण में ही है।
उन्होने कहा बिजली विभाग की लगे रोड पर ट्रांसफार्मर,रोड पर लगे बिजली पोल अतिक्रमण ही है पर ऐसे अतिक्रमण पर ध्यान ना देकर गरीबों की फुटपाथ की दुकानें हटाई जा रही है।।
उन्होने कहा अतिक्रमण पूरी तरीके से नहीं हटाया जा रहा है और बेरोजगारी में और बेरोजगारी का बढ़ावा दिया जा रहा है उन्हीं गरीबों को रैलियों में नेताओं द्वारा भीड़ का हिस्सा बनाने के लिए बुलाया जाता है और शक्ति प्रदर्शन भी समाज को या अन्य राजनीतिक संगठनों को दिखाया जाता है।
उन्होने कहा गरीब कल भी गरीब था आज भी गरीब है सिर्फ गरीब के नाम पर सरकार में पहुंचने का और अपनी रोटी की व्यवस्था बनाने में राजनेता सत्ता और सरकार अधिकारी और कर्मचारी लगे हुए हैं फिर भी भारत माता की जय माता तू शरीफ अमीरों की है गरीबों की कहा। "कल कौन देगा इन गरीबो को रोटी "उन्होने कहा नगर पालिका बस्ती अध्यक्ष जिन्हे जनता ने चुनकर अध्यक्ष बनाया है ,आज उनकी पीड़ा सुनने नही आयी ! कहा गया गरीब के प्रति इनकी ममता क्या अध्यक्षा जी आज समाज सेवा की याद नही आयी गरीब की पीड़ा भुल गयी वोट मांगते वक्त जनता को दिया गया सहानूभूति याद नही आता !