बस्ती।: जहां प्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात किया जा रहा है ताे वही जनपद के औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपने निजी स्वार्थ में सरकार के सारे दावों को खोखला साबित कर रहे हैं मिली जानकारी के अनुसार जनपद में कुल थोक दवा की 691 व फुटकर दवा की 1300 लाइसेंसी दुकाने कागजी आंकड़े के अनुसार संचालित हो रही हैं जबकि सूत्रों की मानें तो दुकान की स्थित कागजीआंकड़े से काफी अलग है शहर से लेकर गांव व कस्बों तहसील मुख्यालयों पर धड़ल्ले से संचालित हो रही दवा की दुकानें की बात की जाए तो यह आंकड़ा कागजी आंकड़े से कई गुना अधिक दुकानें संचालित हो रही हैं जिस के संबंध में जानकारों द्वारा यह बताया जाता है कि जाे दुकाने बगैर लाइसेंस व सरकारी मानक के विपरीत संचालित हो रही हैं उन दुकानों से विभाग का मासिक सुविधा शुल्क बंधा हुआ है जिसके कारण विभागीय अधिकारी व कर्मचारी इन्हें खुली छूट प्रदान कर आंखें बंद किए रहते हैं नियमानुसारअनुसार सभी फुटकर दवा की दुकानाे पर फार्मासिस्ट का होना अनिवार्य होता है तभी फुटकर दवा की दुकान हेतु लाइसेंस दिए जाने का प्रावधान है लेकिनशायद ही किसी दुकान पर फार्मासिस्ट मौजूद रहते हैं फार्मासिस्टाे की भी खूब कमाई होती है वह कागजी खानापूर्ति हेतु सुविधा शुल्क लेकर अपना प्रमाणपत्र दुकानदारों को दे देते हैं और दुकान पर कभी नहीं बैठते जिससे कि मरीजों के पर्चे पर लिखी दवा गलत होने का अंदेशा हमेशा बना रहता है इतना ही नहीं शासन द्वारा विभाग में लाइसेंस हेतु अनियमितताओं को देखते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु ऑनलाइन आवेदन कर दिया गया जिससे कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके लेकिन यहां भी तू डाल डाल मैं पात पात का मुहावरा चरितार्थ हाे रहा है क्योंकि आवेदन की जांच विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है जिसका कि जानकारों की मानें तो थाेक के लिए 80 हजार व फुटकर दुकान के लिए लाइसेंस हेतु 60हजार सुविधा शुल्क निर्धारित किया गया है जिसे की अदा करने पर ही विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है अन्यथा आवेदन मे अनेकों कमियां निकाल कर दौड़ाया जाता है जिसे कि अंत में आवेदक सुविधा शुल्क देने में ही अपनी भलाई समझता है और किसी से इसकी शिकायत भी नहीं करता क्योंकि दुकान इन्हीं अधिकारियों कर्मचारियों के अधीन संचालित करना होता है यहां तक कि फार्मेसिस्ट नहीं है या फिर कोई प्रपत्र न हो सुविधा शुल्क देने पर विभागीय द्वारा उसे भी पूरा करा दिया जाता है जिस के संबंध में विभाग की गोपनीय जांच कराई जाए तो सारी कलई खुल कर सामने आ जाएगी अभी हाल ही में कैली चिकित्सालय के पास संचालित अनेकों दुकानों का पूर्व के जिला अधिकारी द्वारा औचक निरीक्षण किया गया तो अनेकों दुकानों में कमियां पाई गई जिसे कि पूर्व के जिलाधिकारी काे सील करने का आदेश देना पडा़ बताया जाता है कि सिर्फ शहरी क्षेत्रों में संचालित हो रहे दुकानों की ही जांच कराई जाए तो फार्मासिस्ट की ना मौजूदगी सहित अनेकों कमियां उभर कर सामने आ जाएंगी वही जब दुकानों के जांच करने के संबंध में औषधि निरीक्षक सीमा वर्मा से बात किया गया कि अब तक कितनी दुकानों का आप द्वारा निरीक्षण किया गया है तो उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा करीब साै दुकानों का निरीक्षण किया गया है जिसमें कि सभी दुकानों में कमियां पाई गई हैं जिसकी कार्यवाही हेतु सहायक आयुक्त औषधि को प्रेषित की गई है लेकिन क्या कार्यवाही की गई है मुझे इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है मुझे कार्यवाही करने या दुकान हेतु लाइसेंस जारी करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है यह अधिकार सहायक आयुक्त औषधि को है वही फोन पर जब सहायक आयुक्त औषधि एजाज अहमद से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि मैं इस समय जनपद के बाहर हूं |