बस्ती । कथित आतंकी और टिकट हैकर हामिद अशरफ पर अब शिकंजा कसना शुरू हो गया है। रेलवे पुलिस और बस्ती व गोंडा की संयुक्त टीम ने मऊ जिले से हामिद के 3 गुर्गों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। हामिद ANMS नाम से सॉफ्टवेयर बनाकर पूरे देश में अपने साथियों को बेचता है, जिसके जरिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट को आसानी से हैक कर टिकट बुक किया जाता है। ये भी पढ़े :बस्ती में दिखी उरी और पुलवामा हमले की झलक, फिर हुआ दुश्मन पर सर्जिकल स्ट्राइक
गिरफ्तार किए गए हैकर अमित गुप्ता नंदन गुप्ता और अब्दुल रहमान मऊ में हामिद के इशारे पर अपना गैंग संचालित कर रहे थे। इस गैंग के पास से तीन लैपटॉप 5 मोबाइल लगभग 700000 के 261 तत्काल व सामान्य टिकट बरामद किए गए हैं। इसके अलावा इस गैंग के पास से 150 फर्जी आईआरसीटीसी की आईडी भी जप्त की गई है, जिसकी रेलवे पुलिस जांच कर रही है। इस गैंग का मुख्य सरगना हामिद अशरफ पिछले 3 साल से रेलवे की साइट को हैक कर अपना धंधा चला रहा है, जिस वजह से रेलवे को काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
हामिद अशरफ 2016 में उस वक्त चर्चा में आया था, जब बस्ती में सीबीआई की टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस गैंग का खुलासा हुआ था। पुस्तक पर पता चला था कि हामिद देशभर में हजारों लोगों को इस सॉफ्टवेयर को बेचा और वो लोग इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से रेलवे रेलवे की साइट को हैक कर मनचाहे तरीके से टिकट बुक क्या करते हैं। हामिद के गैंग के दो मुख्य साथी अभी बिहार में बैठकर अपना नेटवर्क चला रहे हैं। मोहम्मद महमूद हामिद के बनाएं सॉफ्टवेयर को देशभर में सेल करता है जबकि उसका दूसरा साथी मनोज महतो सॉफ्टवेयर का फंड मैनेजमेंट करता है। गिरफ्तार हुए अभियुक्तों ने बताया कि बैंक खातों के रिकॉर्ड के अनुसार 1 वर्ष में कई करोड़ रुपए की कमाई की गई है।
गौरतलब है कि 2 दिन पहले हामिद अशरफ का नाम एक बार फिर से चर्चा में उस वक्त आ गया था, जब दिल्ली में डीजी रेलवे के द्वारा गुलाम मुस्तफा नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया और उसके बाद पूछताछ में पता चला कि बस्ती का हामिद अशरफ इस गैंग का मुख्य सरगना है, जो टिकट हैक करने के साथ-साथ अब टेरर फंडिंग में भी शामिल है। इसके बाद हामिद अशरफ के साथियों को पकड़ने के लिए रेलवे पुलिस और बस्ती पुलिस सक्रिय हुई और आज उसे तीन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद एक बड़ी सफलता भी मिली। इससे पहले हामिद ने मीडिया को एक ऑडियो जारी किया था, जिसमें उसने खुद को निर्दोष साबित करना चाह रहा था, लेकिन आज उसके तीन साथियों की गिरफ्तारी होने के बाद यह साबित हो गया है कि हामिद कथित तौर पर आतंकी फंडिंग और टिकट है का काम बदस्तूर जारी रखा है। फिलहाल हामिद अशरफ रेलवे पुलिस से लेकर एनआईए, सीआईडी बस्ती पुलिस गोंडा पुलिस सहित देश के कई राज्यों की पुलिस के लिए पहेली बन गया है। हमीद कहां है? और वह कहां से अपना नेटवर्क चला रहा है? इस बात की जानकारी किसी को भी नहीं है।