बस्ती । नागरिकता कानून को लेकर सरकार और सत्ताधारी दल से जुड़े लोग जनता को भरमा रहे हैं। एकतरफा वार्तालाप करने की बजाय सरकार और जनपतिनिधियों को इस विषय पर खुली बहस करनी चाहिये। इससे जनता जागरूक भी होगी और जो सच सरकार छिपाना चाहती है वह भी सार्वजनिक हो जायेगा। यह बातें पीसीसी सदस्य एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रेमशंकर द्विवेदी ने कही।
उन्होने कहा सरकार और सत्ताधारी दल के नेता सिर्फ ये बताकर कि ‘‘नागरिकता कानून से किसी का नुकसान नही है, यह नागरिकता देने वाला कानून है न कि छीनने वाला है’’ आधा सच बयां कर रहे हैं। पूरी जानकारी होने पर जनता खुद इसके विरोध में खड़ी हो जायेगी। कांग्रेस नेता ने कहा कि हर 10 साल बाद जनगणना होती है, इसमें पूरी पारदर्शिता बरती जाये तो और किसी कानून की जरूरत नही होनी चाहिये।
साथ ही कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि बगैर किसी तैयारी और जनता को विश्वास में लिये फैसले लेना केन्द्र की मोदी सरकार की कार्यशैली है जो तानाशाही रवैये का जीता जागता उदाहरण है। सरकार आज सीएए को लेकर जो जागरूकता कार्यक्रम चला रही है वह कानून लागू करने के पहले किये गये होते तो जनता के विचार सामने आ जाते। उन्होने कहा जिस दिन पूरा कानून लागू होगा और एनआरसी, एनपीआर अस्तित्व में आयेगा उस दिन जनता को पता चल जायेगा कि सरकार पूरा सच बता रही थी या आधा।