सिद्धार्थनगर। बेसिक शिक्षा की हालात क्यों लगातार बदतर होती जा रही है। इसका एक उदाहरण सिद्धार्थनगर जिले में देखने को मिला है। सिद्धार्थनगर जिले में 20 महिला शिक्षकों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 28 जनवरी को सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान दुल्हनों को शादी के लिए तैयार होने में मदद करने का काम सौंपा गया। मामले में किरकिरी होने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस आदेश को रद्द करते हुए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।
खंड शिक्षा अधिकारी नौगढ़ की तरफ से जारी इस आदेश में बाकायदा 20 महिला शिक्षकों का नाम और विद्यालय का नाम लिखकर सामूहिक विवाह कार्यक्रम में दुलहनों को सजाने का आदेश जारी किया गया। इन 20 में से 3 प्रधानाध्यापक, 15 सह अध्यापक और दो शिक्षामित्र शामिल हैं। पत्र जारी कर सभी को आदेश दिया गया है कि वे सभी महिला शिक्षक समय से कार्यक्रम स्थाल पर पहुंच जाएं। खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) का यह आदेश जब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
पत्र वायरल होने के बाद आदेश हुआ निरस्त
इस कार्यक्रम में दुल्हनों को सजाने के लिए साक्षी श्रीवास्तव, सन्ध्या कबीर, नीलम वर्मा, वन्दना यादव, शान्ती यादव, साधना श्रीवास्तव, नीलम, आरती चौधरी, जूही मिश्रा, प्रतिमा श्रीवास्तव, पल्लवी सिंह, उषा उपाध्याय, अनुराधा, सुष्मा जायसवाल, नाजमीन, संगीता, प्रियदर्शिका पाण्डेय, अनुराधा शुक्ला, संदीपा राजा और कालिन्दी शर्मा को ड्यूटी पर लगाया है। सभी शिक्षिकाओं को 28 जनवरी को सुबह 9 बजे पहुंचने का आदेश मिला था।
इस आदेश की प्रति के वायरल होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। सिद्धार्थनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी ने आननफानन इस आदेश को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने उक्त आदेश को जारी करने वाले शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी प्रस्तावित की। वहीं सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि शिक्षकाओं को दुल्हन सजाने के लिए ड्यूटी पर लगाना अनुचित है। इस मामले में जो आदेश बीईओ द्वारा किए गए थे, उसे निरस्त कर दिया गया है।